प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, भागलपुर शाखा के सभागार में राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 17वीं पुण्यस्मृति विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनायी गयी. संचालिका बीके अनिता दीदी ने कहा कि दादी जी का जीवन प्रेरणास्त्रोत और अनुकरणीय है. दादी जी का जन्म एक सितंबर 1922 में हैदराबाद, सिंध प्रांत में हुआ था. बचपन का नाम रमा था. 15 वर्ष की आयु में पहली बार ओम मंडली के संपर्क में आयी. संस्था के संचालक दादा लेखराज द्वारा रमा को प्रकाशमणि नाम दिया गया. 1969 में इस संस्था की बागडोर उनके हाथों में आ गयी. दादी 1969 से 2007 तक संस्था की मुख्य प्रशासक रही. 25 अगस्त 2007 को अपना भौतिक शरीर त्याग दिया. दादी प्रकाशमणि जी ने नारी सशक्तीकरण के लिए भी काम किया और महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया. दादी प्रकाशमणि को उनके आध्यात्मिक कार्यों और सेवा के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं. 2004 में पद्मश्री पुरस्कार (2004 भारत सरकार द्वारा दिया गया. फिर 2006 में महिला शक्ति पुरस्कार, 2010 में राष्ट्रीय सम्मान और 2012 में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला. इस मौके पर बीके रूपाली आदि उपस्थित थीं.777777
कहकशां परवीन को तेलंगाना व पश्चिम बंगाल प्रभारी बनाये जाने पर किया स्वागत
पूर्व राज्यसभा सांसद सह जदयू की राष्ट्रीय महासचिव कहकशां परवीन को जदयू का पश्चिम बंगाल एवं तेलंगाना राज्य का प्रभारी बनाये जाने पर पूर्व महानगर अध्यक्ष सुड्डू साई, महानगर अध्यक्ष संजय साह, जदयू के राष्ट्रीय सचिव राकेश कुमार ओझा ने स्वागत किया. कहकशां परवीन ने कहा कि पार्टी ने जो भी ज़िम्मेदारी अबतक दी है, मैंने उसका निर्वहन ईमानदारी से की है. आगे भी करती रहूंगी. मुझे भागलपुर के कार्यकर्ताओं से सदैव स्नेह मिलता रहा है.
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