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भागलपुर के आधे निजी स्कूल नहीं ले रहे गरीब बच्चों का नामांकन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने समीक्षा

भागलपुर के निजी स्कूलों में नामाकंन की समीक्षा की गयी. समीक्षा में पाया गया कि निजी स्कूल सरकारी नियमों का पालन नहीं कर रहा है. आधे से अधिक निजी सकूलों में गरीब बच्चों का नामाकंन नहीं हो रहा है.

By Ashish Jha | March 15, 2024 9:02 PM

भागलपुर. शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी स्कूलों का निरीक्षण किया. निदेशक ने इस दौरान नगर निगम क्षेत्र समेत नवगछिया व सबौर के जिच्छो में स्थित सरकारी स्कूलों में संसाधनों की पड़ताल की. निदेशक ने सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में निजी विद्यालय संघ के शिक्षकों व प्राचार्यों के साथ बैठक की. शिक्षकों व प्राचार्यों को विद्यालय के ई-संबंधन, यू-डायस व ज्ञानदीप पोर्टल की उपयोगिता की जानकारी दी. आंकड़ों की समीक्षा करते हुए निदेशक ने कहा कि अबतक जिले के 324 निजी स्कूलों में 236 का रिकाॅर्ड मिला है. 88 स्कूलों ने संसाधनों की जानकारी नहीं दी है.

निर्देशों के आधार पर काम करना होगा

सरकारी स्कूलों की तरह ही निजी स्कूलों को भी शिक्षा विभाग के निर्देशों के आधार पर काम करना होगा. 169 निजी स्कूलों ने ज्ञानदीप पाेर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. शिक्षा का अधिकार कानून यानी आरटीइ के तहत ज्ञानदीप पोर्टल पर स्कूलों का रजिस्ट्रेशन जरूरी है. जिससे इन निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के बच्चाें का नामांकन हाे. 50 प्रतिशत निजी स्कूलाें ने ही अपने यहां 25 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के बच्चाें का नामांकन लिया है. शेष स्कूलों ने नामांकन नहीं लिया है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बैठक के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ से शैक्षणिक सत्र 2015-16 में निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत नामांकन राशि का हिसाब मांगा. निजी स्कूलों ने 25 प्रतिशत बच्चों के नामांकन के बाद महज 1955 बच्चों का क्लेम मांगा है.

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सप्ताह में एक निजी स्कूल का निरीक्षण करें अधिकारी

निदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों काे सप्ताह में एक दिन निजी स्कूलाें का निरीक्षण करना चाहिये. उन्होंने कहा कि निरीक्षण में पाया गया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य में सुधार हो रहा है, लेकिन कक्षाओं में नामांकित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम है. खासकर तीन दर्जन से ज्यादा प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति कम देखने को मिली. उन्होंने प्रखंड के स्कूलों के शिक्षकाें की उपस्थिति की रिपोर्ट मांगी. कहा कि शिक्षकों की गैरहाजिरी व बच्चों की कम उपस्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से पूरी रिपोर्ट मांगी है.

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