दीपक राव, भागलपुर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले की 550 एएनएम को गैर संचारी रोग की विवरणी को अपलोड करने के लिए तीन साल पहले टैब दिया गया था. इसमें तीन सालों से 450 निष्क्रिय है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब पटना में प्रदेश स्तरीय गैर संचारी रोग संबंधी कार्यों की समीक्षा की गयी. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक ने इसे गंभीरता से लिया है.
तीन साल पहले जीविका दीदी व आशा वर्कर के गैर संचारी रोग संबंधी कार्यों की विवरणी को अपलोड करने के लिए 550 एएनएम को टैब मिला था. इसका कार्य धरातल पर नहीं दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदाधिकारियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि 100 एएनएम ही कार्य कर रही है. बाकी 450 एएनएम को मिले टैब का इस्तेमाल या तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए हो रहा है या तो बच्चे इस पर गेम खेल रहे होंगे. इसे लेकर ऐसे एएनएम की सूची तैयार करने की तैयारी है.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक ने ऐसे सभी एएनएम को एक माह का अल्टीमेटम दिया है, जिन्होंने टैब का इस्तेमाल दूसरे कार्यों के लिए किया या घर में रख लिया. उन्हें विभागीय कार्यों के लिए टैब का इस्तेमाल शुरू करने के लिए एक माह का समय दिया है. जो एएनएम एक माह बाद भी अपने टैब का इस्तेमाल विभागीय कार्यों के लिए शुरू नहीं करेगी, उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
Also Read: बिहार में सरेंडर करने वाले तीन नक्सली बेहद दुर्दांत, कभी एसपी को उड़ाया तो कभी जवानों की कर दी हत्या
गैर संचारी रोग अंतर्गत एनपीसीडीसीएस के तहत डायबिटीज, हायपर टेंशन, कैंसर, स्ट्रोक, कार्डियो वास्कूलर जैसे असंक्रमित रोगों का डाटा अपलोड करने के लिए टैब दिया गया था. ताकि टैब से जीविका दीदी व आशा वर्कर के गैर संचारी रोग के इलाज को लेकर किये गये कार्यों का डाटा अपलोड होता.
-स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही
-राज्य को डाटा नहीं मिल पा रहा
-स्टेट की पॉलिसी मेकिंग में हो रही है कठिनाई
जिले की वैसी एएनएम की सूची तैयार की जा रही है, जिनका टैब निष्क्रिय है. एक माह के अंदर सक्रिय नहीं हुआ तो उनकी सूची आगे भेज दी जायेगी.
डॉ पंकज कुमार मनस्वी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, भागलपुर