बिहार में कोरोना का तांडव जारी है. राजधानी पटना में सबसे ज्यादा कहर है. यहां 2200 से ज्यादा एक्टिव केस हैं. वहीं पटना के बाद भागलपुर जिले दूसरे स्थान पर है जहां कोरोना कहर मचा रहा है. मंगलवार को करीब पांच महीने बाद एक साथ 60 से ज्यादा कोरोना केस आने के बाद भागलपुर प्रशासन में हड़कंप मच गया. पटना के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा मामले भागलपुर जिले में ही मिले हैं. स्थिति के मद्देनजर बुधवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत भागलपुर पहुंचे.
यहां उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां देखी. इसके बाद उन्होंने यहां समीक्षा बैठक भी की. एक अस्पताल का मुयायना करने के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि वो यहां कि व्यवस्था देखकर बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है, कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि यहां व्यापक सुधार की आवश्यकता है. देखने से लग रहा है कि यहां व्यापक सुधार की आवश्कता है और वो होगी.
प्रधान सचिव ने कोरोना को लेकर सभी को सावधानी बरतने की बात कही. अस्पतालों की व्यवस्था देख उन्होंने अधिक से अधिक कोविड जांच करने का निर्देश दिया. बता दें कि इससे पहले 19 अक्तूबर 2020 को 64 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आये थे. मंगलवार को मिले 61 मामले में 32 कोरोना संक्रमित शहरी इलाके के है. इनमें आदमपुर में एक ही परिवार के पांच सदस्य व एक रिश्तेदार, तिलकामांझी भागलपुर विवि के एक अधिकारी व कर्मी, सदर अस्पताल की परिवार कल्याण परामर्शी व यहां बने टीकाकरण केंद्र का डॉटा ऑपरेटर शामिल है.
इसके साथ ही जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ कर 9983 हो गयी है. इनमें 86 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. 9698 लोग कोरोना से ठीक हो चुके है. सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ कर 200 हो गयी है.
वहीं भागलपुर सदर अस्पताल में कार्यरत दो डाटा ऑपरेटर कोरोना संक्रमण का शिकार हो गये. इसका असर यहां आने वाले मरीजों को मिलने वाली सुविधा पर पड़ा. पंजीयन काउंटर पर आये मरीजों को इंतजार करना पड़ा तो वैक्सीनेशन भी प्रभावित हुआ. गौरतलब है कि जिले में बने 21 टीकाकरण केंद्रों पर मंगलवार को 10 हजार लोगों ने कोरोना वैक्सीनेशन कराया.
Posted By: Thakur Shaktilochan