ललित किशोर मिश्र, भागलपुर: ट्रेनों परिचालन को अब कैमरा वाला हेलमेट और अधिक सुरक्षित करेगा. स्टेशनों से खुलने वाली एक्सप्रेस, सुपर फास्ट सहित सामान्य ट्रेनों के बोगियों के नीचले हिस्से की जांच अब आसान होगी. पहिया के आसपास कोई खराबी होगी तो ये हेलमेट उसकी जांच में मदद करेगा. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रेलकर्मियों को हेलमेट कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस किया गया है. इसकी शुरुआत अभी मालदा डिवीजन से की गयी है.
बिहार में भी हेलमेट कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम का मिलेगा फायदा
हेलमेट कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम की सुविधा मिलने से अब भागलपुर, जमालपुर, सुल्तानगंज सहित कई स्टेशनों के ट्रैकों पर काम करने वाले रेलकर्मियों को इस सिस्टम मिलेगा. ट्रैकों पर ट्रेनों की जांच करने वाले कर्मियों के सिर की सुरक्षा के साथ ही ये हेलमेट ट्रेन के तमाम उन पुर्जों की जांच में मदद करेगा, जो ट्रैक होकर गुजरती है. यह सिस्टम पहले अन्य डिवीजनों में नहीं था. मालदा डिवीजन से ही इसकी शुरुआत हुई है.
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क्या होगा इस सिस्टम का फायदा?
इस सिस्टम के आने से ट्रेनों के इन व आउट हिस्से के बड़े से लेकर छोटे पार्टस की तुरंत जांच हो सकेगी. इसके साथ ही पटरियों पर काम करने वाले रेल कर्मियों की सुरक्षा भी होगी. अभी तक इस सिस्टम के नहीं होने से दौड़ती ट्रेनों के छोटे पार्टस की पूरी जांच नहीं हो पाती थी. अब अगर रात में भी ट्रेन के किसी भी छोटे पार्टस में खराबी आती है तो इसका तुरंत पता लग सकेगा. पहले यह संभव नहीं हो पाता था. अब इस सिस्टम से खराबी आये पार्टस की जानकारी तुरंत मिल जायेगी.
हेलमेट के उपर ही लगा रहेगा कैमरा
कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम में लगा कैमरा काफी पावरफुल रहेगा. नाइट विजन कैमरा की तरह ही यह कैमरा भी पावरफुल होगा. अगर ट्रेन किसी स्टेशन के पहले अंधेरे में खड़ी हो जाये तो इस कैमरे से उस ट्रेन की किसी बोगी के निचले हिस्से, जो पहिया के आसपास लगा रहता है, उसे तुरंत चेक किया जा सकेगा. यह कैमरा हेलमेट के उपर लगा रहता है.