भागलपुर: गंगा नदी में मगरमच्छ के बाद दिखने लगा घड़ियाल का झुंड, वन कर्मियों में खुशी, ग्रामीणों में भय
भागलपुर जिले के गंगा नदी में इन दिनों घड़ियाल का एक झुंड घूम रहा है. मगरमच्छ के बाद इस नये जलीय जीव को देखकर वन विभाग के कर्मी काफी खुश हैं. हालांकि नदी के ऊपर आश्रित किसानों व मछुआरों को इससे काफी भय लग रहा है. घड़ियाल का झुंड बीते तीन माह से नारायणपुर के […]
भागलपुर जिले के गंगा नदी में इन दिनों घड़ियाल का एक झुंड घूम रहा है. मगरमच्छ के बाद इस नये जलीय जीव को देखकर वन विभाग के कर्मी काफी खुश हैं. हालांकि नदी के ऊपर आश्रित किसानों व मछुआरों को इससे काफी भय लग रहा है. घड़ियाल का झुंड बीते तीन माह से नारायणपुर के अमरी दियारा के पास नदी में विचरण कर रहा है.
नदी किनारे घास काटने वाले पशुपालकों को देखकर सभी घड़ियाल पानी में उतर जाते हैं. पशुपालक अपने मवेशी को नदी में पानी पिलाने व स्नान कराने में हिचक रहे हैं. नारायणपुर के बैकठपुर दुधैला ग्राम पंचायत के मुखिया अरविंद मंडल ने बताया कि घड़ियाल ने अब तक किसी को हानि नहीं पहुंचायी है. घड़ियाल का झुंड बीते तीन माह से दिखाई पड़ रहा है.
आदमी को देख कर घड़ियाल पानी में चला जाता है. यह झुंड नदी के दोनों ओर भोजन की तलाश में घूमता रहता है. प्रवासी पक्षियों के अंडे, मरे हुए जीव, मछलियों व अन्य जलीय जीव को यह खाता है. वन विभाग के पशुपालन अधिकारी डॉ संजीत कुमार ने बताया कि घड़ियाल का दिखना गंगा नदी के जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहतर है. जिस जगह पर घड़ियाल विचरण कर रहे हैं, वहां पर वैसे जीवों के रहने का माहौल अनुकूल है. यहां पर घड़ियाल को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल रहा है.
सुल्तानगंज से कहलगांव के बीच विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन अभ्यारण्य में वन विभाग के प्रयास से मानवीय गतिविधियां काफी कम होती हैं. इससे जलीय जीवों के रहने के लिए यह सेंचुरी आदर्श बनता जा रहा है. दो वर्ष पहले सुल्तानगंज से लेकर भागलपुर के बीच मगरमच्छ का एक झुंड अक्सर दिखता था. अब घड़ियाल दिख रहे हैं.