40 दिन भी नहीं टिका 40 करोड़ का हाइवे
चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का कोई दावा करे, लेकिन शहर की कई प्रमुख सड़कें ऐसी हैं जो बेहद जर्जर है. गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क के निर्माण या मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
भागलपुर : चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का कोई दावा करे, लेकिन शहर की कई प्रमुख सड़कें ऐसी हैं जो बेहद जर्जर है. गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क के निर्माण या मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
सबौर से रमजानीपुर के बीच 31 किमी हाइवे के निर्माण पर 40 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. मगर यह महीने भर भी नहीं टिकी. पिछले छह माह से लोग गड्ढों में चल रहे हैं. बरसात आने के साथ गड्ढों का आकार बढ़ गया है.
गड्ढों को भरने के नाम पर हो रही खानापूर्ति : एनएच के दबाव में आकर कांट्रैक्टर गड्ढों को भर तो रहा है मगर इसकी भी खानापूरी हो रही है. कहीं, ईंट का टुकड़ा डाला जा रहा है तो कहीं मिट्टी डाली जा रही है. सड़क और दलदली तरह का हो रहा है.
मसाढ़ू पुल : टेंडर के तीन साल बाद भी शुरू नहीं हो सका निर्माण : सबौर से रमजानीपुर के बीच मसाढ़ू में पुल का निर्माण होना है. टेंडर फाइनल होने के तीन साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो सका है. जिस कांट्रैक्टर ने यह सड़क बनायी है, उन्हें ही पुल का निर्माण कराना है.