देसी अंदाज में मनेगी होली, फूलों से बन रहे रंग और होलिका दहन के लिए गाय के गोबर से बड़कुल्ला व गोकाष्ठ

होली में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में हर तरफ होली की धूम दिख रही है. भागलपुर में इस बार होली देसी स्टाइल में मनाई जाएगी. इसके लिए फूलों से रंग बनाए जा रहे हैं. वहीं होलिका दहन के लिए गाय के गोबर से बड़कुल्ला व गोकाष्ठ बनाया जा रहा.

By Anand Shekhar | March 22, 2024 10:05 PM

भागलपुर सिल्क सिटी में इस बार देशी अंदाज में होली मनायी जायेगी. दरअसल फूलों, फलों व पत्तियों से रंग तैयार किये जा रहे हैं, तो गाय के गोबर से होलिका दहन के लिए बड़कुल्ला, गोकाष्ठ व अगरबत्ती बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं यहां के तैयार प्राकृतिक रंगों की डिमांड देशभर में होने लगी है.

होली के रंग के लिए मंदिर के वेस्टेज फूलों का हो रहा है इस्तेमाल

शहर के दक्षिणी क्षेत्र की महिलाओं द्वारा फूलों, फल व सब्जी से प्राकृतिक रंग तैयार किया जा रहा है. इसमें मां आनंदी संस्था की संस्थापिका प्रिया सोनी विशेष सहयोग कर रही है. इतना ही नहीं उन्हें मार्केटिंग में भी सहयोग कर रही है. प्रिया सोनी ने बताया कि ये रंग गेंदा, अड़हूल, गुलाब, पालक, धनिया पत्ती, पलाश फूल, पालक, चुकुंदर, गाजर, कदीमा आदि के साथ अरारोट मिलाकर तैयार किया जा रहा है. अभी ये रंग 300 रुपये किलो तक उपलब्ध है.

उन्होंने बताया कि फूलों की उपलब्धता के लिए खरीदने की बजाय मंदिर से वेस्टेज फूलों, खेतों से हरी सब्जी व फल न्यूनतम दर में लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक पटना, कोलकाता, गया, धनबाद आदि से प्राकृतिक रंगों की डिमांड हो चुकी है. कहीं 25 किलो, 50 किलो, तो कहीं एक-एक क्विंटल तक रंग मंगाये गये.

महमदाबाद की रूबी शर्मा ने बताया कि रासायनिक रूप से तैयार रंग से बच्चों व अन्य लोगों का सेहत खराब होता है. ऐसे में प्राकृतिक रंग से जहां लोगों के सेहत का ख्याल रखा जा रहा है, वहीं भागलपुर की महिलाओं को रोजगार मिलने लगा है. क्लबगंज, मिरजानहाट, इशाकचक, अलीगंज आदि की वंदना, ममता सिंह, निशिका समेत 50 से अधिक महिलाएं इस काम में जुड़ गयी है.

होली के लिए फूलों से रंग तैयार करती महिलायें

गौशाला में तैयार हो रहा है गोकास्ठ व अगरबत्ती

श्री गौशाला भागलपुर में गोकास्ठ तैयार किया जा रहा है. होलिका दहन के लिए गो कास्ट बहुत उपयोगी है. इससे पर्यावरण संरक्षण होगा. महामंत्री गिरधारी केजरीवाल ने बताया कि गाय के गोबर को पूजन, हवन यज्ञ आदि में प्रयोग किया जाता है. शास्त्रीय दृष्टि से भी यह पवित्र माना गया है. होलिका दहन अनुष्ठान वैदिक मान्यता के अनुसार उपयुक्त है. गौशाला में गो कास्ठ नि:शुल्क बांटा जा रहा है. मंत्री सुनील जैन ने बताया कि कई परिवारों ने इसके लिए गौशाला से संपर्क किया है. पांच मजदूरों का दल लगाया गया है. गोकाष्ठ के लिए नवगछिया, कहलगांव, गौशाला के पदाधिकारियों ने संपर्क किया और उन्होंने इस कार्य की सराहना की है.

रेडीमेड मिल रहे हैं मालपुआ, गुजिया व मूंग दाल का हलवा

भागलपुर के अलग-अलग क्षेत्र में रेडीमेड मालपुआ, गुजिया व मूंग दाल का हलवा बिक रहे हैं. आदर्श जलपान के संचालक बलराम झुनझुनवाला ने बताया कि खोवा व छेना मिक्स कर मालपुआ तैयार किया जा रहा है, जो कि 30 रुपये पीस, मावा का गुजिया 30 रुपये पीस, मूंगदाल का हलवा 800 रुपये किलो बिक रहे हैं. इसके अलावा बच्चों को मिक्स टॉफी आकर्षित कर रहा है, जो कि पारंपरिक होली की याद दिला रहा है. वहीं दूसरे दुकानदार रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि उनके यहां मैदा व दूध का मालपुआ 16 से 20 रुपये पीस तक बिक रहे हैं.

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