Bihar News: पत्नी ने कहा नामर्द तो हुई पंचायती, पंचों का फरमान सुनकर युवक ने किया आत्महत्या का प्रयास

बिहार के भागलपुर में एक युवक को उसकी पत्नी के द्वारा लगाया गया नामर्द होने का आरोप सहन नहीं कर सका और खुदकुशी की कोशिश उसने कर ली.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 4, 2024 9:21 AM

Bihar News: भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र के चंपानगर नरगा इलाके में एक युवक ने पत्नी द्वारा नामर्द कहे जाने के विवाद में मोहल्ले के पंचों के फैसले से आहत हो कर आत्महत्या का प्रयास किया. युवक की स्थिति फिलहाल ठीक है. जेएलएनएमसीएच मायागंज में उसका इलाज चल रहा है. पंचों ने भी अपनी पंचायती में ऐसा तर्क दिया है जो चर्चे में है. पंचों का तर्क है कि पत्नी की शिकायत से बड़ा प्रमाण क्या होगा. वहीं डॉक्टर ने भी युवक के ऊपर लगे इस आरोप पर अपनी राय दे दी है.

पत्नी का आरोप, पहली पंचायती में हुआ ये फैसला…

इलाजरत युवक ने बताया कि इसी वर्ष पांच मई को उसकी शादी हुई थी. शादी के ठीक एक सप्ताह बाद दुल्हन ने अपनी मां को फोन पर बताया कि उसका पति नामर्द है. मायके वालों ने युवक और उसके परिजनों को इलाज कराने की सलाह दी और मायके वालों ने समझा-बुझा कर फिर से लड़की को ससुराल भेज दिया. दुल्हन के बार-बार शिकायत के बाद मोहल्ले में सात जून और 22 जून को पंचायती हुई. पंचों ने संबंध विच्छेद कर लेने का फैसला सुनाया और युवक की शादी में उपहार स्वरूप लिये गये 80 हजार रुपये और जेवर लौटाने का फरमान सुना दिया. युवक के संबंधियों में इस कदर फैल गयी कि उसका जीना मुहाल हो गया.

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दोबारा पंचायत होने के एक दिन पूर्व युवक ने पी लिया डिटर्जेंट का घोल

दुल्हन अपने मायके में रहने लगी. चूंकि युवक ने पंचायती के फैसले का पालन नहीं किया था, इस कारण लड़की पक्ष के दबाव के कारण दो अगस्त को फिर से मोहल्ले में पंचायती होनी थी, लेकिन युवक ने एक अगस्त को ही डिटर्जेंट पाउडर का घोल पी कर खुदकुशी का प्रयास किया. ऐसा करते ही युवक की हालत खराब होने लगी जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.

डॉक्टर ने कहा, कमजोरी जरूर है लेकिन युवक नामर्द नहीं

युवक और उसके परिजनों के अनुसार पंचायती के बाद वे लोग चिकित्सक के यहां गये. सभी प्रकार की जांच हुई. परिजनों के अनुसार जांच के बाद चिकित्सक ने कहा था कि युवक नामर्द नहीं है. कमजोरी जरूर है जो इलाज के बाद ठीक हो जाएगा. युवक का आरोप है कि पंचों द्वारा बार-बार उस पर दबाव बनाया जा रहा है कि पैसे लौटा दो, अगर पैसे नहीं हैं तो जमीन बेच कर रकम दे दो या जमीन को दुल्हन के नाम कर दो. इधर, पंचों का तर्क है कि जब पत्नी ही कह रही है नामर्द तो ज्यादा प्रमाण की क्या जरूरत है. लड़की का परिवार बेहद गरीब है. अब दुल्हन ही युवक के साथ नहीं रहना चाहती है तो वे लोग क्या कर सकते हैं. नाथनगर के थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा कि युवक द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने की जानकारी उन्हें नहीं है.

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