ड्रोन करेगा सफल की बीमारी की पहचान तो रोवर ऐसे जगह पहुंचेगा, जहां मानव नहीं जा सकता
ड्रोन करेगा सफल की बीमारी की पहचान तो रोवर ऐसे जगह पहुंचेगा, जहां मानव नहीं जा सकता
ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर.
ट्रिपल आइटी के एसोसिएट प्रो डॉ तेजस्विनी ने एक ऐसे सॉफ्टवेयर को विकसित किया है जो ड्रोन की मदद से मक्के की फसल की बीमारी को पहचान कर सकेगा. कृषि वैज्ञानिकों ने इसकी सराहना की. उक्त सॉफ्टवेयर की मदद से बड़े क्षेत्र का सर्वे कार्य चंद घंटों में पूरा कर बीमारी का समय रहते उपचार किया जा सकेगा. डाॅ तेजस्विनी ने उक्त सॉफ्टवेयर को आइआइटी हैदराबाद और आइसीआर मक्का रिसर्च की मदद से डेवलप किया है. कैसे काम करेगा सॉफ्टवेयरड्रोन में लगे हाई रेजोल्यूशन कैमरे की मदद से साफ्टवेयर काम करेगा. पत्तियों की तस्वीर से सॉफ्टवेयर प्रभावी कीड़े और पौधों की बीमारियों का पता लगायेगा. खास कर मक्के की पत्तियों पर आने वाले बीमारियों के लक्षण को आसानी से पहचान कर सकेगा. डाॅ तेजस्विनी ने बताया कि साफ्टवेयर का रिसर्च और ट्रायल बेगूसराय में सफलतापूर्वक किया गया है.रोवर सूचना व तस्वीरों को कर सकेगा साझाट्रिपल आइटी के छात्रों ने एक रोवर तैयार किया है. यह वैसे जगह पर भी आसानी से पहुंच सकता है, जहां मानव का जाना संभव नहीं है. यह रोवर संबंधित जगह पर पहुंच कर वहां की सूचनाओं और तस्वीरों को अपने संचालक के साथ साझा कर सकेगा. छात्रों द्वारा तैयार यह मिनी रोवर है. इसे बड़ा आकार दिया जा सकता है. छात्र पवन और शिव की टीम ने इसे तैयार किया है. छात्रों ने बताया कि उनलोगों ने बेकार पड़े कुछ चीजों और बाजार में मिलने वाले आसान उपकरण से इसे तैयार किया है. बताया कि जिस तरह से इसरो ने मिशन चंद्रयान कंप्लीट किया है, उसी तर्ज पर उनलोगों ने रोवर तैयार किया है. बताया कि यह रोवर अनभिज्ञ जगहों की पूरी तरह से भौगोलिक जानकारी देने में सक्षम होगा. ट्रिपल आइटी के शिक्षक छात्रों की सृजनात्मकता पर आश्चर्यचकित हैं.
कहते हैं पदाधिकारीपीआरओ धीरज सिन्हा ने बताया कि डॉ तेजस्विनी का साफ्टवेयर एक क्रांतिकारी आविष्कार है. इससे किसानों को फायदा मिलेगा. वहीं छात्राें द्वारा रोवर तैयार किये जाने से छात्रों की सृजन शक्ति का पता चलता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है