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TMBU Bhagalpur : बिजली कंपनी पर एफआइआर मामले में कुलपति ने कहा- रजिस्ट्रार ने की आदेश की अवहेलना

टीएमबीयू व संबंधित इकाई में 13 दिनों से बिजली नहीं है. इसके कारण अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की परेशानी बढ़ी हुई है. इसको लेकर बुधवार को विवि के सिंडिकेट हॉल में कुलपति प्रो जवाहर लाल की अध्यक्षता में अधिकारियों, कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व प्रशाखा पदाधिकारियों की बैठक हुई.

टीएमबीयू व संबंधित इकाई में 13 दिनों से बिजली नहीं है. इसके कारण अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की परेशानी बढ़ी हुई है. इसको लेकर बुधवार को विवि के सिंडिकेट हॉल में कुलपति प्रो जवाहर लाल की अध्यक्षता में अधिकारियों, कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व प्रशाखा पदाधिकारियों की बैठक हुई. कुलपति ने कहा की बिजली बिल मामले में उन्होंने पूर्व में ही रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र को बिजली विभाग पर एफआइआर दर्ज करने व मामले को कंज्यूमर कोर्ट में ले जाने का आदेश लिखित रूप में दिया था. इसके बावजूद भी रजिस्ट्रार ने आदेश को नजरअंदाज कर दिया. रजिस्ट्रार ने मामले में शिथिलता बरती. कुलपति के आदेश की अवहेलना की. इस पर रजिस्ट्रार ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. एफआइआर दर्ज कराने के लिए बात की गयी. एफआइआर दर्ज कराने के लिए उस समय जमीन संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये. बैठक में एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा गया, लेकिन सहमति नहीं दी गयी. क्योंकि मुख्यालय के बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है. विवि की कमेटी भी मामले में बात करने के लिए बिजली कंपनी के अधिकारी से मिलने गयी थी. गुरुवार को बिजली कंपनी के अधिकारियों से मीटिंग होगी.

बैठक में कुलपति ने रजिस्ट्रार को स्पष्ट शब्दों में बिजली विभाग पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है. वीसी ने कहा की बिजली विभाग की मनमानी के कारण विवि के प्रशासनिक भवन, सभी पीजी विभागों, संबद्ध इकाइयों, छात्रावासों सहित रजिस्ट्रार व प्रतिकुलपति के आवास की भी बिजली काट दी गयी है. वीसी ने कहा कि जब तक बिजली कंपनी टीएमबीयू को पावर ग्रिड के एवज में किराये का भुगतान नहीं करेगा, तब तक विवि भी बिल का भुगतान नहीं करेगा. उन्होंने बैठक में ही बिजली बिल व विश्वविद्यालय का रेंट का हिसाब करने के लिए रजिस्ट्रार को अधिकृत किया. बिजली से जुड़े मामले का निपटारा रजिस्ट्रार स्वयं करेंगे.

पेयजल की समस्या हुई उत्पन्न

कुलपति ने कहा कि उमस भरी गर्मी में लोग परेशान हैं. पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ है. कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. पठन पाठन, शोध, परीक्षा आदि के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. बिलजी आपूर्ति बंद कर दिए जाने से पीजी जूलॉजी विभाग में रिसर्च के लिए बाहर से लाये गये 15 चूहे मर गये, जो काफी संवेदनशील मामला है. जेनरेटर चलाकर प्रशासनिक भवन में दैनिक कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है.

विवि कमेटी व बिजली कंपनी के अधिकारियों की बैठक आज

रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र ने वीसी को बताया की वे बुधवार की शाम करीब तीन बजे बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले का समाधान निकालेंगे. इसके लिए रजिस्ट्रार ने डीएसडब्ल्यू, प्रॉक्टर, डीओ, यूनिवर्सिटी इंजीनियर को कमेटी के सदस्य के रूप में बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है. जानकारी के अनुसार बिजली विभाग के साथ शाम में होने वाली बैठक अपरिहार्य कारणों से टल गयी. अब बैठक गुरुवार को होगी.

बिल्डिंग बनने के 16 साल पहले से ही भेज दिया बिजली बिल

बैठक में अधिकारी ने कहा कि पीजी अंगिका विभाग का उद्घाटन वर्ष 2016 में किया गया था, जबकि विभाग का बिजली बिल का कनेक्शन वर्ष 2000 से दिखाया गया है. अंगिका विभाग का बिल्डिंग महज आठ साल पुराना है, जबकि बिल 24 साल का दिया गया है. वहीं, पीजी पुरुष हॉस्टल संख्या वन के बिजली बिल में भी भारी गड़बड़ी सामने आ रही है. विवि के इंजीनियर ने वीसी को बताया कि पीजी पुरुष हॉस्टल संख्या वन का बिल एक करोड़ रुपये दर्शाया गया है. हॉस्टल के बिजली मीटर का पुराने आइडी विभाग ने विश्वविद्यालय अभियंता को बिना सूचित किये बदल दिये हैं. इससे कई गुना ज्यादा बिजली बिल आया है. विवि एनआर सेंटर के कुछ ही कमरों में संचालित हैं. इस बिल्डिंग का बिल करीब 98 लाख का भेजा गया है. बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार, प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह, प्रो सुरेंद्र कुमार सिंह, डाॅ एसी घोष, कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो संजय कुमार झा, परीक्षा नियंत्रक डाॅ आनंद कुमार झा, डीओ अनिल सिंह, पीआरओ डाॅ दीपक कुमार दिनकर, मीटिंग ऑफिसर डाॅ राहुल कुमार, एसएम कॉलेज के प्राचार्य डाॅ मुकेश कुमार सिंह, टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डाॅ एसएन पांडेय, बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो अशोक कुमार ठाकुर, मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य प्रो शिव प्रसाद यादव, अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह आदि मौजूद थे.

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