बिहार के इस जिले में 50 बसंत देख चुके 70 प्रतिशत लोगों की कोरोना ने ली जान

भागलपुर : बिहार की आबादी के 13 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 के पार है. कोविड 19 महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा खतरा इसी उम्र वर्ग के लोगों को है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोविड 19 वेब पोर्टल में दर्ज मौत के आंकड़े का विश्लेषण किया है, इसमें यह बात सामने आयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2020 5:39 AM

भागलपुर : बिहार की आबादी के 13 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 के पार है. कोविड 19 महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा खतरा इसी उम्र वर्ग के लोगों को है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोविड 19 वेब पोर्टल में दर्ज मौत के आंकड़े का विश्लेषण किया है, इसमें यह बात सामने आयी है. इस विश्लेषण से पता चला की अब तक सूबे में 20 प्रतिशत ऐसे पॉजिटिव पाये गये हैं जो अपनी उम्र का 50 वां सावन देख चुके हैं.

अब तक जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है, उसके विश्लेषण से पता चला कि अब तक जिन 70 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है, उनकी उम्र 50 साल के पार थी. इस आंकड़े के बाद मुख्यालय हरकत में आ गया है. सूबे के सभी सिविल सर्जन को समिति के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने एक पत्र जारी किया है.इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सिविल सर्जन ऐसे लोगों पर खास नजर रखें. अगर ऐसे लोग कोरोना पॉजिटिव पाये जाते हैं, तो उनको तत्काल उपचार के साथ गहन निगरानी में रखा जाये.

सूबे में 50 पार उम्र लोगों की संख्या है 1.7 करोड़ : सूबे की आबादी 12.7 करोड़ है. इसमें से 1.7 ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 के पार है. यानी हर दो घर में एक घर में इस उम्र के लोग हैं. इनका इलाज होम आइसोलेशन, सीसीसी या अस्पताल में हो रहा हो, इनके बारे में रोज जानकारी ली जाये.

24 घंटे में दो कोरोना पॉजिटिव की मौत : भागलपुर .जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 24 घंटे में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गयी. दोनों मुंगेर के रहने वाले थे. असरगंज के विनोद साह कोरोना पॉजिटिव को 20 अगस्त को उनको भर्ती किया गया था. डॉक्टर के अनुसार मरीज का ऑक्सीजन लेबल बहुत कम हो गया था, उनको आइसीयू में रखा गया था. अंत में उनकी हालत बिगड़ती चली गयी.

दूसरी मौत संग्रामपुर के धनंजय यादव (50) की हुई. 24 अगस्त को उनको मायागंज अस्पताल लाया गया था. डॉक्टर ने मरीज को सीधे ट्रामा वार्ड में भेज दिया था. कोरोना जांच में वह पॉजिटिव पाये गये, उनको आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया. मरीज लगातार पेट दर्द से परेशान था. शुक्रवार रात उनकी तबीयत अचानक खराब होने लगी. यहां तैनात डॉक्टर उनकी हालत देख सीनियर डॉक्टर को कॉल करने लगे. जब तक सीनियर डॉक्टर आते उससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी. हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि दोनों शव को कोविड प्रोट्रोकॉल के तहत सुरक्षित पैक कर रखा गया है. परिजनों के आने पर शव सौंप दिया जायेगा.

posted by ashish jha

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