IT Raid Bihar: गुंडा बैंक विवाद और भागलपुर में रेड के मायने समझिये, लगातार चार दिनों तक चली छापेमारी

Income Tax Raid: भागलपुर में अचानक इनकम टैक्स की रेड से हड़कंप मचा हुआ है. लगातार चौथे दिन भी शनिवार को रेड जारी रही. गुंडा बैंक विवाद और इस छापेमारी का कनेक्शन जानिये...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2022 11:20 AM

Income Tax Raid: भागलपुर में इनकम टैक्स की टीम बुधवार से लगातार छापेमारी कर रही है.ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि शुक्रवार को रेड संपन्न हो जाएगी लेकिन शनिवार को भी छापेमारी जारी रखी गयी. भागलपुर के इतिहास में ये सबसे बड़ी छापेमारी है. इससे पहले इतने लंबे समय तक लगातार रेड नहीं की गयी थी. अचानक हुई इस छापेमारी की भनक स्थानीय पुलिस प्रशासन को लगी और ना ही शहर के लोग कुछ समझ पाये. लेकिन इस छापेमारी की वजह हाल में चर्चे में रहे गुंडा बैंक विवाद बनी.

बुधवार को अचानक इनकम टैक्स की टीम पहुंची

भागलपुर में इनकम टैक्स की टीम ने शुक्रवार तक 13 लोगों के दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की. शुक्रवार तक सात जगहों पर जांच पूरी कर ली लेकिन प्रतिबंध भी लगाये गये हैं. बुधवार को अचानक इनकम टैक्स की टीम के भागलपुर में होने की चर्चा से लोग हैरान रह गये. लोग एक दूसरों को फोन लगाकर इसकी पुष्टि के प्रयास में लगे रहे. कुछ ही घंटों बाद ये स्पष्ट हो गया कि रेड चल रही है. लेकिन एजेंसी को लेकर शुरू में कन्फ्यूजन था.

निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा भी जांच की जद में

बुधवार को इनकम टैक्स की टीम ने भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, जमीन कारोबारी विजय यादव समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश डाला. इनकम टैक्स की टीम में करीब 250 अधिकारी शामिल रहे जो 75 गाड़ियों में सवार होकर भागलपुर आए थे. बुधवार को शुरू हुई छापेमारी शनिवार तक जारी रही. इस छापेमारी में एक अहम बिंदु रहे निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा. दअरसल, जितने लोगों पर आइटी की टीम ने दबिश डाली उनका कोई कनेक्शन राजेश वर्मा से जरुर जुड़ा दिखा.

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अरबों की जमीन के कागजात मिले

इस छापेमारी में अरबों की जमीन के कागजात मिले. वहीं 50 लाख से अधिक कैश केवल राजेश वर्मा, रवि जलान और विजय यादव के पास मिले. राजेश वर्मा से जुड़े कागजात लगभग सभी के पास मिले हैं. दरअसल ये पूरा मामला ही जमीन और रुपये लेन-देन से जुड़ा है. कुछ ही दिनों पहले हाईकोर्ट ने एक परिवार के द्वारा किये आत्महत्या मामले की जांच के निर्देश दिये थे जिसमें सूद का पैसा नहीं लौटा पाने से मजबूर परिवार ने आत्महत्या कर लिया था.

गुंडा बैंक मामले की जांच

गलत तरीके से सूद पर लगाये पैसे और इसकी वसूली गुंडा बैंक के नाम से चर्चे में रहा. इसमें जिन लोगों का नाम उछला उनमें राजेश वर्मा समेत कई धनाढ्य शामिल थे. हाइकोर्ट के निर्देश पर चल रही जांच में अचानक थानेदार ने राजेश वर्मा को क्लीन चीट दे दी. ऐसा कुछ अखबारों में छपा. जिसके बाद मुख्यालय बेहद नाराज हुआ और थानेदार पर कार्रवाई की बात कही. इस बीच अचानक इनकम टैक्स ने छापेमारी शुरू कर दी और अब इसकी रडार पर आए लोग अधिक मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

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