Income Tax Raid: भागलपुर में इनकम टैक्स की टीम लगातार तीन दिनों तक छापेमारी कर चुकी है. भागलपुर के इतिहास में ये सबसे बड़ी छापेमारी है. इससे पहले लगातार तीन-चार दिनों तक रेड नहीं हुआ था. वहीं जांच की जद में भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा आए हैं. राजेश वर्मा लोजपा(रामविलास) के जिलाध्यक्ष भी हैं. इनकम टैक्स ने उनके घर व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रेड किया है. लगातार तीन दिनों तक जांच चली है जो शनिवार को भी जारी है. राजेश वर्मा की मुश्किलें अब बढ़ती ही जा रही है.
निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. बुधवार से इनकम टैक्स की टीम ने उनके खरमनचक स्थित आवास पर छापेमारी कर रही है. लगातार तीन दिनों के बाद शनिवार को भी टीम छापेमारी कर रही है. भागलपुर के अलावा देवघर, पूर्णिया और कोलकाता में भी उनके ठिकानों पर रेड डाली गयी. छापेमारी के तीसरे दिन राजेश वर्मा की मुश्किलें और बढ़ी जब उनके घर से 28 लाख रुपये कैश और करोड़ों की जमीन के कई अहम दस्तावेज मिले.
सूत्रों के अनुसार, अभी तक जिन 13 लोगों के यहां छापेमारी हुई है उन सबों का कहीं न कहीं राजेश वर्मा से जुड़ाव मिला है. कई जगहों से ऐसे कागजात भी मिले हैं जो राजेश वर्मा से संबंधित हैं. विजय यादव व रवि जालान के यहां से भी कैश के अलावा राजेश वर्मा के साथ कारोबार करने से संबंधित महत्वपूर्ण कागजात बरामद किये गये हैं.
Also Read: Income Tax Raid: भागलपुर में लगातार चौथे दिन छापेमारी, अरबों की जमीन के कागजात, 50 लाख से अधिक कैश बरामद
राजेश वर्मा की हर दुकान के दो लेजर इनकम टैक्स की टीम को जांच के दौरान मिले. दोनों लेजर बुक में अंतर भी पाया गया. वहीं राजेश वर्मा की कंपनी वर्मा इंफ्रा के मैनेजर मानस भी इनकम टैक्स के रडार पर चढ़ गये और जांच के दौरान आइटी की टीम को कई अहम दस्तावेज वहां से मिले हैं. इनकम टैक्स की टीम अब राजेश वर्मा के बैंक खातों को खंगाल रही है. दुकानों के गहनों की जांच भी जारी है.
इनकम टैक्स की टीम राजेश वर्मा की संपत्ति का पता लगा रही है. शुक्रवार को टीम के सदस्य खरमनचक में घूम-घूमकर लोगों से पूछ रहे थे कि राजेश वर्मा की और कितनी जमीन कहां-कहां है. रवि जालान के यहां से अबतक राजेश वर्मा व उनके सहयोगियों के 25 प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिलने की सूचना है. भागलपुर के अलावा देवघर, कोलकाता, पूर्णिया और दिल्ली में भी संपत्ति की जानकारी मिल रही है.
बता दें कि राजेश वर्मा का नाम हाल में ही उन लोगों के साथ आया जो गलत तरीके से पैसे सूद पर लगाते थे और बदले में लोगों की संपत्ति लिखवा लेते थे. हाइकोर्ट ने इसमें जांच के आदेश दिये थे. यह गुंडा बैंक के नाम से भी चर्चे में है.
Posted By: Thakur Shaktilochan