गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी, दियारा क्षेत्र के कुल 22 हजार एकड़ में से 75 फीसदी खेत डूबे

दियारा क्षेत्र के कुल 22 हजार एकड़ खेत में से 75 फीसदी खेत में बाढ़ का पानी फसल को बर्बाद कर चुका है सोमवार को जब प्रभात खबर प्रतिनिधि ने शाम्हो दियारा में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया तो अकहा-कुरहा, सोनबरसा जगन सैदपुर आदि गांव जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका था, और दो जगह पानी सड़क के ऊपर से बह रहा था.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2020 9:48 AM

लखीसराय : सूर्यगढ़ा इलाके में पिछले दिनों गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के कारण दियारा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. पिछले 24 घंटा में गंगा का जलस्तर स्थिर बताया जा रहा है. सलहा सैदपुर बरारी दो पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रणधीर कुमार उर्फ नुनू सिंह, सोनबरसा गांव के मजदूर भाई दारोगा साव व सिपाही साव, कुरहा गांव के किसान परमानंद यादव, टोटहा के कारोबारी भूषण शर्मा, अकहा-कुरहा के राजकुमार यादव आदि नें बताया कि पिछले 24 घंटा में नदी का जलस्तर स्थिर है.

बाढ़ का पानी अब अकहा-कुरहा, टोटहा आदि नीचले इलाका के आबादी वाले इलाके में प्रवेश कर रहा है. दियारा क्षेत्र के कुल 22 हजार एकड़ खेत में से 75 फीसदी खेत में बाढ़ का पानी फसल को बर्बाद कर चुका है सोमवार को जब प्रभात खबर प्रतिनिधि ने शाम्हो दियारा में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया तो अकहा-कुरहा, सोनबरसा जगन सैदपुर आदि गांव जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका था, और दो जगह पानी सड़क के ऊपर से बह रहा था.

सोनबरसा रोड में चकरदहिया पुल के पास सड़क पर ढ़ाई फीट ऊपर से पानी बह रहा था. जबकि उसके आगे मोकरीर ढावा के पास सड़क पर निर्माणाधीन पुल के समीप सडक पर पिछले दस दिनों से पानी है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त जगह सडक पर 3 फीट ऊपर से पानी बह रहा है. पिछले पांच वर्ष से पुल का एप्रोच पथ नहीं बना जिसके कारण अकहा-कुरहा, सोनबरसा जगन सैदपुर आदि गांव का प्रखंड मुख्यालय एवं एनएच 80 से सड़क संपर्क भंग हो गया है. कुछ लोग जान हथेली पर लेकर उक्त पथ से होकर आवागमन कर रहे हैं.

राहगीरों ने बताया कि साइकिल या पैदल पानी में घुसकर लोग आ-जा रहे हैं. बाइक आदि से आना-जाना मुशकिल है. लोगों के मुताबिक अगर जलस्तर एक फीट और चढ़ा तो आबादी वाले इलाका में बाढ़ का पानी घुस जायेगा. अभी केवल फसल की क्षति हुई है. इधर, खेतों में लगी फसल डूब चुका था. हताश किसान मकई आदि का फसल पशु चारा के लिये काटकर ले जाते नजर आये.

बाढ के कारण किसान पुरी तरह हताश हो गये हैं. शाम्हो-दियारा के 22 हजार एकड़ खेत में लगी सोयाबीन व मक्का की फसल पुरी तरह बर्बाद होने की कगार पर है. बाढ के कारण 66 करोड़ से अधिक अनुमानित राशि की फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है. शाम्हो में बिजली टावर खड़ा करने वाली एक कंपनी में काम करने वाला मजदूरों ने बताया कि शाम्हो-सूर्यगढ़ा पथ पर सड़क किनारे प्लांट में प्रवेश कर गया है. अब मजदूरी मिलने की आस में यहां रूके है मजदूरी मिलते ही अपने घर लौट जायेंगे.

posted by ashish jha

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