जोगसर थाना क्षेत्र के कोयला घाट इलाके में विगत रविवार शाम हुए एलपीजी सिलिंडर ब्लास्ट मामले में भागलपुर पुलिस भी अब अपने स्तर से मामले की जांच करेगी. इसको लेकर सिटी एसपी की ओर से निर्देश दिया गया है. जोगसर थानाध्यक्ष को मामले में सिटी एसपी डॉ के रामदास की ओर से निर्देश दिया गया है कि वह पूरे मामले की अपने स्तर से जांच करें और इसकी रिपोर्ट सौंपें. मामले में दोषी पाये जाने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गयी है. बता दें कि मामले में मंगलवार देर शाम किसी तरह की प्राथमिकी नहीं दर्ज नहीं की गई थी. घटना के एक दिन बाद सोमवार को घटना स्थल की जांच के लिए प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची थी. इधर मामले में पुलिस सहित प्रशासनिक टीम रिपेयरिंग सेंटर के नाम पर एलपीजी रीफिलिंग का अवैध कारोबार कराये जाने को लेकर पुलिस संचालक हबीबपुर निवासी मो नसर की तलाश में जुटी हुई है. मो नसर के दुकान के बोर्ड पर लिखा मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा है. बता दें रविवार देर शाम इलेक्ट्रॉनिक रिपेयरिंग सेंटर की दुकान में एलपीजी सिलिंडर ब्लास्ट के बाद भीषण आग लग गई थी. जिसमें एक बड़ा सिलिंडर के चिथड़ा उड़ गये थे. आग की चपेट में आने से पास के ही घर में भी आग लगी थी. इसके अलावा आसपास के घर भी क्षतिग्रस्त हुए थे. अपराध वर्गीकरण के आधार में जेल में रखे जायेंगे बंदी सूबे के जेलों में अब अपराध के वर्गीकरण के आधार पर बंदियों को अलग-अलग रखा जायेगा. प्रथम दिन जेल में आने दौरान ही उनकी कुंडली खंगाली जायेगी. फिर इसके संपूर्ण विवरण मिलने के बाद ही उसे किस वार्ड में रखना है इसकी रणनीति जेल प्रशासन के द्वारा तय की जायेगी. ऐसे बंदी जो पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखकर जेल की दहलीज पर पहुंचा है, उन्हें दुर्दांत और कुख्यात कैदियों से बिल्कुल अलग रखा जायेगा. ऐसे कैदी जो सजायफ्ता है, मृत्यु दंड या अन्य मामलों में सजा प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी ट्रायल वाले बंदियों से अलग कर दूसरे वार्ड में रखा जायेगा. इस तरह की तमाम काम अमूमन सभी जिलों में शुरू कर दिये गये हैं. इस बात की पुष्टि विशेष केंद्रीय कारा के अधीक्षक राजीव कुमार ने की.
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