दिनकर की डायरी से लेकर रेणु की पलटू बाबू रोड तक से सुशोभित होगा पंचायत कार्यालय
पुस्तकालय में बैठ कर पुस्तकें पढ़ने की लगभग मिट चुकी परंपरा एक बार फिर जागृत करने की कोशिश पंचायत राज विभाग के स्तर से शुरू की गयी है. विभाग के स्तर से निर्णय लिया गया है कि सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों के एक कमरे में पुस्तकालय बनाया जायेगा. इसमें देश भर के प्रसिद्ध लेखकों, साहित्यकारों, कवियों की प्रकाशित पुस्तकें खरीद कर रखी जायेंगी.
पुस्तकालय में बैठ कर पुस्तकें पढ़ने की लगभग मिट चुकी परंपरा एक बार फिर जागृत करने की कोशिश पंचायत राज विभाग के स्तर से शुरू की गयी है. विभाग के स्तर से निर्णय लिया गया है कि सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों के एक कमरे में पुस्तकालय बनाया जायेगा. इसमें देश भर के प्रसिद्ध लेखकों, साहित्यकारों, कवियों की प्रकाशित पुस्तकें खरीद कर रखी जायेंगी. विभाग की अपर सचिव कल्पना कुमारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पुस्तकालयों का निर्माण व पुस्तकें खरीद करने का निर्देश दिया है. यहां सिर्फ प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें ही नहीं, दो अखबार, महिला सशक्तीकरण, बाल विकास व ग्रामीण विकास से संबंधित मासिक पत्रिका और उपयोगी पत्र-पत्रिकाएं भी उपलब्ध रहेंगी. पत्र-पत्रिकाओं की खरीद पर प्रतिवर्ष 5,000 रुपये तक खर्च किया जायेगा. साहित्य की किताबों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में लगभग दो लाख रुपये तक एक वर्ष में व्यय किया जा सकेगा. प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों की सूची बाद में विभाग भेजेगा. ——————
पंचायत भवन नहीं रहने पर निजी भवन में बनेगा पुस्तकालयग्राम पंचायत स्तर पर फिजिकल व डिजिटल स्तर के पुस्तकालय संचालित होंगे. यह पंचायत सरकार भवन में संचालित होगा. जहां पंचायत सरकार भवन नहीं हैं, वहां सामुदायिक भवन या किसी अन्य भवन में संचालित किया जायेगा. इसके लिए पंचायतें अपने ग्रामों में किसी भवन मालिक से एकरारनामा कर पुस्तकालय संचालित करेंगे.
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कुछ प्रमुख पुस्तकें, जो पुस्तकालय में रहेंगीडॉ राजेंद्र प्रसाद की खंडित भारत, आत्मकथा, डॉ रामधारी सिंह दिनकर की प्राणभंग, हुंकार, कुरुक्षेत्र, बापू, मिअ्टी की ओर, रश्मिरथी, सूरज का ब्याह, दिनकर की डायरी, फणीश्वर नाथ रेणु की मैला आंचल, परती परिकथा, जुलूस, पलटू बाबू रोड, ठुमरी, एक आदिम रात्रि की महक, जानकी बल्लभ शास्त्री की दो तिनकों का घोंसला, कानन, अपर्णा, सत्यकाम, डॉ जगदीश प्रसाद सिंह की नटनारायण, विजय पर्व, गोधूलि, राजा राधिकारमण सिंह की राम-रहीम, कुसुमांजलि, राहुल सांकृत्यायन की बाईसवीं सदी, भागो नहीं, दुनिया को बदलो, भिखारी ठाकुर की बिदेशिया, कलयुग प्रेम, ननद-भौजाई, आरसी प्रसाद सिंह की सैर सपाटा, नागार्जुन की युगधारा, सतरंगे पंखोवाली, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, बाबा बटेसरनाथ, विद्यापति की कीर्तिलता, पुरुष-परीक्षा, मुल्ला दाऊद की चंदायन, स्वामी विवेकानंद की राजयोग, महात्मा गांधी की हिंद स्वराज आदि.
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