आपदा को अवसर में बदलकर लोगों की जेब ढीली करने में रेलवे अभी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. कोरोना का वैक्सिन आ गया है. लगभग ट्रेनें चलने लगी है. कोरोना संकट के दौरान माल ढुलाई में खूब कमाई की और इसमें उपलब्धि भी हासिल की. बावजूद, इसके स्पेशल ट्रेन के नाम पर यात्रियों से अलग-अलग मनमाना किराया वसूलना छोड़ा नहीं है. अब तो पैसेंजर ट्रेनों से एक्सप्रेस का किराया वसूलने लगा है.
रेलवे वर्धमान समेत रामपुरहाट-गया और जमालपुर-रामपुरहाट पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों से एक्सप्रेस का किराया तो वसूल ही रहा है, अब पांच अप्रैल से चलने जा रही भागलपुर-जमालपुर एवं जमालपुर-किऊल पैसेंजर ट्रेन में भी यात्रियों से एक्सप्रेस का किराया वसूलेगा.
स्पेशल ट्रेन के नाम पर यात्रियों से जिस तरह अलग-अलग मनमाना किराया वसूल रहा है, उस हिसाब से सुविधाएं नहीं बढ़ायी है. ट्रेनें वही है. सिस्टम भी पुरानी है. सुविधाओं में भी कोई बदलाव नहीं नजर आ रहा है. फिर भी यात्रियों से स्पेशल के नाम पर ज्यादा किराया ले रहा है. यात्रियों की पॉकेट ढीली की जा रही है.
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भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल को जाने वाली ट्रेन विक्रमशिला एक्सप्रेस, भागलपुर-यशवंतपुर अंग एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें अभी भी स्पेशल बनकर चल रही है. इसका नंबर भी स्पेशल ट्रेन की है. इसको रेगुलर करने की मांग को रेलवे ने नजरअंदाज कर दिया है. विक्रमशिला के स्लीपर में यात्रा करने के लिए पहले जहां 550 रुपये लगता था वहीं, अभी 575 रुपये लग रहा है.
पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है. इससे यात्रियों की भीड़ कम होगी. लोग अनावश्यक सफर नहीं करेंगे. कोरोना महामारी से बचाव होगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan