Bihar News: भागलपुर में एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के 10 आवासों में गड़बड़ी पकड़ी गयी है. आठ साल पहले पूरा भुगतान कर दिया गया और आवास निर्माण पूरे होने का ऑनलाइन रिकार्ड भी दर्ज कर दिया गया. लेकिन आज भी आवास आधे-अधूरे पड़े हुए हैं. हैरत की बात है कि मामला पकड़ में आने के बाद आज भी वैसे पदाधिकारी मजे में हैं, जिनकी नजर के सामने अधूरे आवास को सरकारी दस्तावेज में पूरा बता कर रिकार्ड अंकित कर दिया गया और कभी इसका भौतिक सत्यापन करना उचित नहीं समझा गया.
एक बार फिर इस मामले में दोषियों के तौर पर वैसे कर्मचारियों की तलाश की जा रही है, जो संविदा पर कार्यरत हैं. जगदीशपुर के सन्हौली, तरडीहा, सैनो और कोयली गांवों में गड़बड़ी पकड़ी गयी है. वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना में खेल चलता रहा और पदाधिकारियों को इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी भनक नहीं लगी. पदाधिकारियों ने मामले की जांच भी तभी करायी, जब एक बार फिर दो आमलोगों ने मिल कर शिकायत दर्ज करायी. गड़बड़ी व्यापक हुई और जांच भी करायी गयी ग्रामीण आवास सहायक से.
सृजन घोटाले की भी वर्षों तक नहीं लग सकी थी भनक
भागलपुर में यह नयी बात नहीं है. गड़बड़ी, अनियमितता और घोटाले के कई मामले हैं, जिनमें वर्षों तक संबंधित विभाग को पता नहीं चल पाता है. संबंधित विभाग अंजान रहता है या जानबूझ कर ऐसा करता है, यह जांच का विषय हो सकता है. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के उक्त मामले का खुलासा आठ साल बाद हुआ है. सृजन घोटाले में भी 16.12.2003 से घोटाले की कहानी की शुरुआत हुई थी. 14 वर्षों तक घोटाले होते रहे. वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने मामले का खुलासा किया. कुछ इसी तरह की जांच प्रधानमंत्री आवास योजना भी खोज रही है.
लोक शिकायत निवारण कार्यालय में दर्ज हुआ मामला, फिर हुआ खुलासा
परिवादी अंजना ने 17.07.2024 और कुमार विक्रम ने 25.07.2024 को सदर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय में अलग-अलग मामले दर्ज कराये. निर्देश मिलने पर जगदीशपुर के बीडीओ ने दोनों मामले की ग्रामीण आवास सहायक द्वारा करायी गयी जांच रिपोर्ट उपलब्ध करायी. जांच रिपोर्ट में तत्कालीन ग्रामीण आवास सहायक व पर्यवेक्षक द्वारा कार्य में लापरवाही का उल्लेख किया गया. बीडीओ ने दी गयी रिपोर्ट में बताया कि दोषी कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने दोनों मामले में गत दो सितंबर को निर्देश दिया है कि दोषियों पर विधि-सम्मत कार्रवाई करें. इसे वरीय पदाधिकारी के संज्ञान में लायें.
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इन आवासों में गड़बड़ी
- पीएमएवाइ : बीएच 4303853, लाभुक : मंजू देवी, सन्हौली
- वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. 12.03.2021 को जियो टैग कर तृतीय किस्त का भुगतान किया गया. घर की ढलाई नहीं की गयी. वर्तमान में इनका घर लिंटल तक बना है.
- पीएमएवाइ : बीएच 4303891, लाभुक : संजू देवी, सन्हौली
- इन्हें वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. 21.02.2020 को जियो टैग कर द्वितीय किस्त का भुगतान किया गया. वर्तमान में इनका घर मिट्टी खपड़ा का पाया गया है.
- पीएमएवाइ : बीएच 4303988, लाभुक : कमल किशोर, सन्हौली
- इन्हें वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. आवास सहायक ने अन्य घरों का जियो टैग किया. तृतीय किस्त का भुगतान कर दिया गया. वर्तमान में इनका घर लिंटल तक बना है.
- पीएमएवाइ : बीएच 7146071, लाभुक : पंकज कुमार उपाध्याय, तरडीहा
- वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. 27.03.2021 को जियो टैग कर तृतीय किस्त का भुगतान किया गया. घर की ढलाई नहीं हुई है. वर्तमान में इनके नये घर के तीन रूम की ढलाई की गयी है.
- पीएमएवाइ : बीएच 2995537, लाभुक : मीना देवी, सैनो
- वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. 07.06.2021 को जियो टैग कर तृतीय किस्त का भुगतान किया गया. वर्तमान में इनका घर लिंटल स्तर तक बना है.
- पीएमएवाइ : बीएच 4175059, लाभुक : रिंकू देवी, सैनो
- वर्ष 2016-17 में लाभ मिला. 24.02.2019 को जियो टैग कर तृतीय किस्त का भुगतान किया गया. वर्तमान में इनका घर लिंटल स्तर तक बना है.
- पीएमएवाइ : बीएच 2993596, लाभुक : जूली देवी, कोयली
- वर्ष 2019-20 में लाभ मिला. लेकिन गोतिया से जमीन विवाद के कारण आवास का निर्माण नहीं किया गया. 25.07.2024 को लाभुक ने जांचकर्मी को बताया कि बात सही है. वर्तमान में थाना के हस्तक्षेप से दोनों पक्षों से समझौता हो गया है.
- पीएमएवाइ : बीएच 4304063, लाभुक : सुलेखा देवी, तरडीहा
- वर्ष 2017-18 में आवास का लाभ दिया गया. वर्तमान में इनका घर लिंटल स्तर तक बना है. इनको तृतीय किस्त भुगतान किया जा चुका है. घर ढलाई नहीं है.
- पीएमएवाइ : बीएच 2633122, लाभुक : मो नजीम, तरडीहा
- वर्ष 2016-17 में आवास का लाभ दिया गया. वर्तमान में इनका घर लिंटल स्तर तक बना है. इनको तृतीय किस्त भुगतान किया जा चुका है. घर ढलाई नहीं है.
- पीएमएवाइ : बीएच 1541106, लाभुक : सुनिता देवी, तरडीहा
- वर्ष 2017-18 में आवास का लाभ दिया गया. वर्तमान में इनका घर कुर्सी के ऊपर बना हुआ है. इनको तृतीय किस्त भुगतान किया जा चुका है. घर ढलाई नहीं है.
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