तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर के समीप बने मल्टीपर्पस स्टेडियम उद्घाटन के 60 दिन बाद भी खिलाड़ियों के लिए नहीं खोला गया. यह भागलपुरवासियों व खिलाड़ियों के लिए दुर्भाग्य की बात है. भागलपुर के खेल जगत से जुड़े वरिष्ठ लोगों व खिलाड़ियों ने आक्रोश जताते हुए मल्टीपर्पस स्टेडियम को खोलने की मांग की. जितनी जल्दी हो स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए खोला जाये, न कि इस पर राजनीति करने का मौका मिले. यह जनता का है. इसमें खिलाड़ी खेलेंगे, तभी देश का नाम रौशन होगा. अमित कुमार, बॉक्सिंग कोच ————- पहले भागलपुर में संसाधन का अभाव था. यहां के खिलाड़ियों ने साबित किया कि हरेक परिस्थिति में आगे बढ़ सकते हैं. जब सुविधा दी गयी है, तो क्यों वंचित रखा जा रहा है. समझ से परे है. सुषमा, बॉक्सिंग खिलाड़ी ———– दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. पहले से ही स्मार्ट सिटी व एजेंसी के विवाद में सैंडिस कंपाउंड जयप्रकाश उद्यान का इंडोर स्टेडियम बंद पड़ा है. अब विश्वविद्यालय स्टेडियम का उद्घाटन करके क्यों बंद रखा गया है. सत्यजीत सहाय, बेडमिंटन संघ के सचिव ————- भागलपुर विश्वविद्यालय हो या अन्य बाहरी युवा खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुके हैं. सामूहिक प्रयास से ही स्टेडियम की व्यवस्था चलेगी. स्टेडियम खोलने के लिए संघ की सहभागिता जरूरी है. राजेश साह, वुशू कोच ————- स्टेडियम को जल्द चालू किया जाये. इससे यहां के खिलाड़ियों को अधिक से अधिक प्रैक्टिस कर बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलेगा. अत्याधुनिक सुविधायुक्त स्टेडियम को नहीं खोलना दु:खद है. पंकज अग्रवाल, बेडमिंटन खेल विशेषज्ञ ———— करोड़ों की लागत से बने स्टेडियम में खिलाड़ियों को खेलने दिया जाये. इसके लिए संबंधित पदाधिकारी से मिलकर समस्या से अवगत होंगे. खुलने से खिलाड़ियों काे काफी लाभ होगा. राजेश नंदन, बेडमिंटन संघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी ———– संसाधन है, लेकिन कोच का अभाव है. खेल संस्कृति का अभाव है. खिलाड़ियों को एकजुट करने की जरूरत है. इसके बाद ही व्यवस्था को चला सकेंगे. नीलकमल राय, वॉलीबॉल प्रशिक्षक
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