12 दिन पहले 25 अक्तूबर को तिलकामांझी स्थित जिला पशुपालन विभाग के कार्यालय में एमएलसी डॉ एनके यादव ने सांकेतिक उद्घाटन किया था, ताकि विधिवत पशुधन गणना कार्यक्रम शुरू हो सके. नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि पशुओं की गिनती के लिए ही 1157 प्रगणक लगा दिये गये हैं. पशु गणना के तहत 219 प्रकार के पशुओं को शामिल किया गया है. जिला पशुपालन विभाग की ओर से जिस दिन सांकेतिक रूप से उद्घाटन किया गया था, उसी दिन पशुगणना कार्यक्रम शुरू होना था. शहरी क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र. प्रगणक के अलावा 46 सुपर वाइजर लगाये गये हैं. पशुगणना का काम केवल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशस्तर पर शुभारंभ किया गया है. अभी आइडी की प्रक्रिया पूरी होने में एक सप्ताह और लगेगा. इसके बाद ही यह कार्यक्रम शुरू होगा.
हरेक पांच साल में होती है इन पशुओं की गिनतीमुख्य रूप से गाय, भैंस, बकरियां, सुअर, कुत्ते, मुर्गा, बतख व अन्य तरह के जीव जंतु हैं, जिनकी गिनती करने की योजना है. हरेक पांच साल में पशुगणना कार्यक्रम होता है. पांच साल पहले हुई गिनती में 8.97 लाख गाय व भैंस मिले थे. वहीं 4.80 लाख बकरी व भेड़ की गिनती हुई थी. नोडल पदाधिकारी डाॅ संतोष कुमार ने कहा कि गणना के दौरान लोग अपने घर में आये प्रगणकों को सहयोग करें. इससे पशुओं से संबंधित योजनाओं को बनाने में आसानी होगी. इसका सीधा लाभ पशुपालकों को मिलेगा.
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