जन्माष्टमी के पर्व पर घर-घर में उत्साह व उमंग की लहर है. हर जगह भगवान कृष्ण के बाल लीलाओं का चित्रण किया जा रहा है. बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाया जा रहा है. यह दृश्य अत्यंत हर्षोल्लास से भरा हुआ है, जहां बच्चों का भोला और मासूम स्वरूप सभी को मोहित कर रहा है. माता-पिता और अभिभावक अपने छोटे-छोटे बच्चों को नटखट कृष्ण और राधा के रूप में तैयार कर रहे हैं. इनकी नटखट लीलाओं को देखकर सभी का मन आनंद से भर जाता है. सोशल मीडिया पर इन बच्चों की तस्वीरें और वीडियो खूब साझा किये जा रहे हैं, जिनमें वह कृष्ण वाणी बोलते और नृत्य करते दिखाई दे रहे हैं. नवगछिया समेत कई स्थानों पर लोग अपने घरों में सुंदर झांकियां सजा रहे हैं, जहां बाल कृष्ण की लीला और माखन चोरी के दृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र हैं. बच्चों की मासूमियत और नटखटपन से सजी इन झांकियों में सभी की भागीदारी और उत्साह देखने लायक है. हर कोई इस अवसर को अपने-अपने तरीके से मनाने में जुटा है. पूरे माहौल में ‘राधे-राधे’ की गूंज सुनाई दे रही है. इस पर्व की पवित्रता और भक्तिभाव को और भी बढ़ा देती है.
भागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण सुदामा प्रसंग
नारायणपुर बस स्टैंड चौक के समीप पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सोमवार को कृष्ण सुदामा प्रसंग सुना कर संपन्न किया गया. उज्जैन से पधारीं कथा वाचिका महामण्डलेश्वर अन्नपूर्णा गिरी उर्फ वर्षा नागर ने कथा के दौरान कहा कि लोग रुपये पैसे के चक्कर में रिश्ते भूल जाते है. उन्हें भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी की मित्रता से सीख लेनी चाहिए. कथा समापन के बाद आरती व विदाई कार्यक्रम हुआ.कार्यक्रम समाप्ति पर सांसद अजय कुमार मंडल भी पहुंचे. जहां मेला कमेटी के लोगों ने बुके देकर स्वागत किया. मौके पर मुखिया संजीव कुमार उर्फ गुड्डू यादव, मंटू यादव, विरेंद्र सिंह कुशवाहा,रंजीत कुमार मंडल, अशोक कुमार, देवेंद्र, शशिभूषण आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है