पुत्र के दीर्घायु व कल्याण का पर्व जिउतिया का नहाय-खाय का अनुष्ठान मंगलवार को और व्रत पूजा बुधवार को है. हालांकि, कुछ स्थानों पर सोमवार को नहाय-खाय का अनुष्ठान हुआ. इससे गंगा स्नान करने के लिए व्रतियों की भीड़ गंगा तटों पर उमड़ी. बाजार में फल, सब्जी की बिक्री सामान्य दिनों से काफी अधिक हुई, खाजा-खज्जी व जितमान धागा की दुकानें सज गयी. सोमवार को 20 से 30 रुपये पाव झिंगली, 70 से 80 रुपये पाव खमरूआ, भट्टा 80 रुपये किलो व 150 रुपये किलो तक छोटी ककोरी बिके. सामान्य दिनों से दोगुने-तीनगुने कीमत पर हरी सब्जियां बिकी. हालांकि अभी हरी सब्जियों की कीमत पर गंगा में आयी बाढ़ का भी असर है.
मिठाई दुकानों में सज गये खाजा, पिरिकिया, ठेकुआ व अन्य पकवान
मिठाई दुकानदार नंदकिशोर साह ने बताया कि सभी रॉ मेटेरियल की कीमत बढ़ गयी है. इसलिए खाजा, ठेकुआ व पिरिकिया की कीमत भी बढ़ गयी है, जो पहले 120 से 140 रुपये किलो बिकते थे. वहीं इस बार 140 से 200 रुपये किलो तक बिक रहे हैं. सबौर में खाजा की कीमत 140 रुपये किलो, जबकि शहरी क्षेत्र में 160 से 200 रुपये किलो बिक रहे हैं. ठेकुआ, पिरिकिया आदि की कीमत भी खाद्य तेल, चीनी, मेदा, आटा आदि की कीमत बढ़ने पर बढ़ गयी है. ठेकुआ भी 150 से 200 रुपये प्रति किलो सामान्य रूप से बिक रहे हैं, जबकि ब्रांडेड दुकानों में इसकी कीमत और अधिक है. आदर्श जलपान के संचालक बलराम झुनझुनवाला ने बताया कि उनके यहां रिफाइन वाला ठेकुआ व खाजा की कीमत 300 रुपये किलो, जबकि घी वाला की 500 रुपये किलो है. सूखा पिरिकिया की कीमत 750 रुपये किलो, जबकि रस वाला का 650 रुपये किलो है. दोनों घी में तैयार किया हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है