स्कूली बच्चों के सबसे कम आधार कार्ड वाला प्रखंड बना कहलगांव
स्कूली बच्चों के सबसे कम आधार कार्ड वाला प्रखंड बना कहलगांव
प्रतिनिधि, कहलगांव
जिले में सबसे कम बच्चों का आधार कार्ड कहलगांव प्रखंड में बना है. प्रखंड शिक्षा कार्यालय की लापरवाही के कारण कहलगांव में अब भी 9270 बच्चों का नामांकन बिना आधार के हैं. जिसको लेकर जिला द्वारा प्रखंड शिक्षा कार्यालय को दर्जनों बार से ज्यादा रिमाइंडर के बाद भी अब तक स्कूली बच्चों के आधार सीडिंग का काम पूरा नहीं हो सका है. जबकि कहलगांव के शारदा पाठशाला और हाई स्कूल मथुरापुर में आधार बनाने का काम विभाग द्वारा कराया जा रहा है. बावजूद छूटे बच्चों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है. जिला शिक्षा विभाग द्वारा बीआरसी कहलगांव को 15 नवंबर तक की अंतिम चेतावनी दी गयी है. बीडीओ राजीव रंजन ने बताया कि बीईओ को छात्रों के आधार बनाने को प्राथमिकता के तौर पर कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही प्रतिदिन इसको अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया है.
सुलतानगंज में 8371 बच्चों का अब तक नहीं बना आधार कार्डप्रतिनिधि, सुलतानगंज
प्रखंड के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 43835 बच्चों में 8371 बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है. जिसकी रिपोर्ट बीआरसी में तैयार किया गया. बीआरसी कर्मी विशाल कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा आगामी 15 नवंबर तक सभी स्कूल प्रधान को आधार कार्ड बच्चों का बना लिये जाने का निर्देश दिया गया है. नहीं बनाने वालों पर अग्रेतर कार्रवाई को लेकर लिखा जायेगा. बताया गया कि आधार कार्ड के अपडेट को लेकर कब आवेदन दिया गया, जन्म प्रमाण पत्र को लेकर कब आवेदन दिया गया कब निर्गत हुआ, आधार ऑपरेटर द्वारा आधार कब बनाया गया, अपलोड ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर किया जाना है. आधार कार्ड बच्चों का अविलंब बना लिये जाने को निर्देशित किया गया है. ताकि ई-शिक्षाकोष पर पोर्टल पर सभी बच्चों का आधार कार्ड अपलोड किया जा सके.
कहलगांव. दिव्यांगजनों का यूआइडी कार्ड बनाने के लिए कहलगांव प्रखंड के ट्रायसेम भवन में विशेष शिविर आयोजित किया गया है. मंगलवार को दूसरे दिन 254 आवेदन प्राप्त हुए. शिविर में वैसे दिव्यांगजन भी पहुंचे थे, जिनका प्रमाण पत्र बनना था. शिविर में उपस्थित डॉक्टरों ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र और जिनका पूर्व से प्रमाण पत्र बना हुआ है उनका यूआइडी कार्ड बनाने के लिए ऑनलाइन निबंधन पत्र प्राप्त किया. जांच प्रक्रिया में डॉक्टर सीतांशु शेखर, डॉ अमित कुमार, और नेत्र सहायक संतोष कुमार शामिल थे. वहीं उक्त शिविर का आयोजन ट्रायसेम भवन पहले तल पर किया जा रहा था. इस वजह से दिव्यांगों को छत पर चढ़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि परिजनों के कहने पर जांच करने वाले डॉक्टर नीचे उतरकर भी आवेदन जांच कर रहे थे.
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