Kala Utsav 2020: देश स्तरीय कला प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे गुदड़ी के लाल, झोपड़ियों में चमका हुनर व कला का सितारा
झोपड़ियों में रह कर आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवार में पल कर भागलपुर के छह बच्चों ने अपने हुनर व कला की जो प्रतिभा दिखायी है, उसकी तारीफ पूरे सूबे में हो रही है. अब ये बच्चे देश स्तर पर आयोजित कला प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे. बचपन से ही इनके अंदर विभिन्न विधाओं में कला की ज्योत जल रही थी. इनको मंच दिया राज्य सरकार की संस्था किलकारी ने.
संजीव,भागलपुर: झोपड़ियों में रह कर आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवार में पल कर भागलपुर के छह बच्चों ने अपने हुनर व कला की जो प्रतिभा दिखायी है, उसकी तारीफ पूरे सूबे में हो रही है. अब ये बच्चे देश स्तर पर आयोजित कला प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे. बचपन से ही इनके अंदर विभिन्न विधाओं में कला की ज्योत जल रही थी. इनको मंच दिया राज्य सरकार की संस्था किलकारी ने.
इनमें कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिनके पिता का साया बहुत पहले उठ गया था और उनकी मांओं ने उन्हें संभाला. कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिनके अभिभावकों ने उन्हें मजदूरी कर पाला. सभी बच्चों के साथ एक कॉमन बात यह थी कि उनके अंदर जो भी कला थी उसे निखारने में उनके अभिभावक हमेशा तैयार रहे.
देवकृष्ण कुमार : पेशे से स्कूल टीचर और मसकंद बरारीपुर चंपानगर के रहनेवाले माधवकृष्ण कुमार व गृहिणी अमलिका देवी के दूसरे बेटे हैं देव कृष्ण. बचपन से ही चित्रकला से गहरा लगाव रहा है. मारवाड़ी कॉलेज के इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के छात्र हैं.
राजनंदिनी कुमारी : उर्दू बाजार भागलपुर की निवासी ललिता देवी व स्वर्गीय शंकर साह की सुपुत्री राजनंदनी कुमारी लोक नृत्य विधा की कलाकार हैं. 10 वर्ष पहले ही पिता गुजर गये थे. दूसरे के घरों में काम कर मां ने पाला. झुनझुनवाला बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा हैं.
प्रेम केडिया : कुम्हार टोली रामसर में निम्न मध्यवर्गीय परिवार से हैं. पिता सुनील केडिया पेशे से इलेक्ट्रिक गैजेट्स के फुटकर विक्रेता हैं. मां रेखा केडिया गृहिणी हैं. क्राफ्ट के अलावा रंगमंच से इनकी रुचि है. प्रेम मारवाड़ी पाठशाला के छात्र हैं.
राहुल कुमार : परबत्ती काली स्थान के रहनेवाले छह भाई व दो बहनों में सबसे छोटे हैं राहुल. कम उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया. उनकी माता विमला देवी लालन-पालन करती हैं. वह नाटक व नृत्य विधा के कलाकार हैं. राहुल के पांच बड़े भाई मजदूरी करते हैं.
शिवानी कुमारी : लॉकडाउन के दौरान किलकारी द्वारा ऑनलाइन संचालित कक्षा से शिवानी का जुड़ाव मूर्तिकला से हुआ. मूर्तिकला इनका पुश्तैनी काम है. पिताजी ग्रिल मिस्त्री हैं. मां गृहिणी है. परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है.
नंदनी कुमारी : दिहाड़ी मजदूर बुधो मंडल व गृहिणी रीना देवी की पुत्री हैं नंदनी. नंदिनी क्राफ्ट के अलावा खो-खो की भी बहुत ही अच्छी खिलाड़ी हैं. वर्तमान में उर्दू गर्ल्स हाई स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा हैं. किलकारी से जुड़कर अपने हुनर को निखारने में लगी हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan