बंगाल के वातला आदि दुर्गा मंदिर स्वरूप में दिखेगा कालीबाड़ी का पंडाल

मानिक सरकार घाट बंगाली टोला समीप स्थित कालीबाड़ी में इस बार दुर्गापूजा को लेकर पश्चिम बंगाल स्थित वर्द्धमान जिले के वातला आदि दुर्गा मंदिर के स्वरूप में पंडाल की सजावट दिखेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 9:44 PM

मानिक सरकार घाट बंगाली टोला समीप स्थित कालीबाड़ी में इस बार दुर्गापूजा को लेकर पश्चिम बंगाल स्थित वर्द्धमान जिले के वातला आदि दुर्गा मंदिर के स्वरूप में पंडाल की सजावट दिखेगी. कालीबाड़ी दुर्गापूजा समिति के महासचिव विलास बागची ने बताया कि इस पंडाल को सजाने में मालदा के 10 कलाकार काम कर रहे हैं. बारिश के बावजूद दिन रात काम में लगे हैं. अध्यक्ष डॉ सुजाता शर्मा ने बताया कि इस बार मारूफचक के मूर्तिकार ललित पंडित अपने सहयोगियों के साथ प्रतिमा तैयार करने में लगे हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा पंचमी पूजा पर बेदी पर स्थापित की जायेगी. रात्रि आठ बजे भक्तों के लिए पट खोल दिया जायेगा. महासचिव विलास कुमार बागची ने बताया कि 10 कलाकारों का नेतृत्व मो शमीम कर रहे हैं. यहां की पूजा विधि पूरी तरह से बांग्ला है.

नासूजापुर व केलापुर में बांग्ला विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा शुरू

थनगर के सूजापुर दुर्गा मंदिर व कजरैली समीप केलापुर दुर्गा स्थान में जिउतिया के बाद गुरुवार को बांग्ला विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा शुरू हो गयी, जो 17 दिनों तक चलेगी. बांग्ला विधि-विधान से कलश स्थापित की गयी. इसे लेकर गाजे-बाजे के साथ दुर्गा स्थान में विधि-विधान से कलश स्थापित की. यह प्रक्रिया बोधन घट निकालने से शुरू हुई. इसमें देवी दुर्गा को आह्वान किया गया. केलापुर दुर्गा मंदिर 425 साल पुराना है. अध्यक्ष सौरभ दास, गौरव दास, अमित दास, दिलीप दास, सूरज कुमार दास का विशेष योगदान रहा. यहां 17 दिनों तक चंडी पाठ होगा. पूजन में पुजारी दीपक भट्टाचार्य उर्फ चंदन का योगदान रहा.मारवाड़ी समाज के लोगों ने गया पहुंच कर किया पितरों के लिए पिंडदान

इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्षा श्रवण बाजोरिया के नेतृत्व में मारवाड़ी समाज के दल ने गया पहुंच कर पितरों के लिए पिंडदान किया. श्रवण बाजोरिया ने बताया कि भागलपुर के विकास के लिए एक विशेष अनुष्ठान कराया जा रहा है, जो लगातार 17 दिन तक चलेगा. रोजाना अलग-अलग स्थान में यह अनुष्ठान सुबह 7:00 बजे से संध्या 7:00 बजे 12 घंटे तक चलेगा. इसमें हवन, पूजन, तर्पण के साथ ज्ञान एवं पूजन की अन्य विधि-विधान शामिल है. कुल 85 परिवार अनुष्ठान में शामिल हैं. पूर्वजों के लिए गया में भगवान श्रीराम ने भी तर्पण किया था. यह एक सिद्ध स्थल है. श्रवण बाजोरिया के साथ, सज्जन बाजोरिया, गुट्टी बाजोरिया, ओमप्रकाश कानोडिया, नरेश खेमका, मिंटू बाजोरिया, आलोक, राजेश आदि शामिल हुए. गुरुवार को गया धाम के सीता कुंड में पितरों का तर्पण किया गया.

अनुष्ठान में भागलपुर से ही पुरोहितों का दल विधि-विधान कराने में सहयोग कर रहे हैं. इनमें पंडित अंजनी शर्मा, नीतीश कृष्ण दाधीच आदि का विशेष योगदान रहा.

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