Bihar News: बिहार के भागलपुर में हुए बहुचर्चित सृजन घोटाले में फंसे जिला भू-अर्जन विभाग के लिपिक सह पूर्व नाजिर राकेश कुमार झा को एक और झटका लगा है. पूर्व नाजिर पर बिहार के चर्चित व सख्त मिजाज आइएएस अधिकारी के के पाठक ने भी किसी तरह की नरमी नहीं दिखायी और उनकी बर्खास्तगी को बरकरार रखा है. के के पाठक अभी रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन हैं और उन्होंने जिलाधिकारी के द्वारा जारी किए गए पूर्व नाजिर की बर्खास्तगी के आदेश को सही करार दिया है.
केके पाठक ने भी पूर्व नाजिर को नहीं दी राहत
सृजन घोटाला में फंसे भू-अर्जन विभाग के लिपिक सह पूर्व नाजिर राकेश कुमार की बर्खास्तगी को के के पाठक ने सही करार दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के के पाठक ने अपने आदेश की कॉपी भागलपुर के डीएम और आयुक्त को भेजा है. जिसमें बताया गया कि सीबीआई जांच में पूर्व नाजिर की सृजन घोटाले में संलिप्तता उजागर हुई है. सीबीआई की चार्जशीट में कई संगीन आरोप प्रमाणित हैं. ऐसे में विभागीय कार्यवाही के बाद डीएम के द्वारा बर्खास्तगी का फैसला सही है.
ALSO READ: Bihar News: जहरीली क्यों हो जाती है शराब? जानिए मौत और आंखों की रोशनी खत्म हो जाने की क्या है वजह…
डीएम के फैसले को सही बताया…
केके पाठक ने कहा कि सुनवाई के दौरान अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत साबित करने में पूर्व नाजिर विफल रहे. जिसके बाद भागलपुर के डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा जारी इस बर्खास्तगी के फैसले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है. बता दें कि पूर्व नाजिर को पिछले साल 2023 में डीएम ने बर्खास्त किया था. जबकि कुछ महीने बाद कमिश्नर के यहां अपील की गयी थी. प्रमंडलीय आयुक्त ने भी अपील को खारिज कर दिया था.
जिला भू अर्जन कार्यालय के सरकारी खाते से पैसे हुए थे ट्रांसफर
बता दें कि करोड़ों के सृजन घोटाले में पूर्व नाजिर की भूमिका भी पायी गयी थी और उन्हें गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने भी पूर्व नाजिर राकेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था. पटना के बेऊर जेल में राकेश कुमार को रखा गया था. दरअसल, जिला भू अर्जन कार्यालय के सरकारी खाते से 200 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांसफर सृजन एनजीओ के खाते में किया गया था. जिसे लेकर सीबीआई ने पूर्व नाजिर को आरोपित बनाकर चार्जशीट दायर किया था.