PHOTOS: के के पाठक का ये अंदाज देखिए, राष्ट्रगान सुनकर हो गए सावधान, प्रधानाध्यापिका की कुर्सी पर नहीं बैठे
PHOTOS: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक इन दिनों सुर्खियों में हैं. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए के के पाठक लगातार सख्त आदेश जारी कर रहे हैं. अररिया और पूर्णिया जिले के सरकारी स्कूलों में अचानक औचक निरीक्षण करने आए के के पाठक का ये अंदाज देखिए..
KK Pathak: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक गुरुवार को पूर्णिया और अररिया के स्कूलों का हाल जानने पहुंच गए. कक्षा में के के पाठक ने जब बिना स्कूल ड्रेस के मौजूद बच्चों को देख प्रधानाध्यापक को फटकार लगायी. ड्रेस कोड और बच्चों की उपस्थिति नियमित नहीं रहने पर विद्यालय प्रधान पर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश डीईओ को दिया.
KK Pathak: पूर्णिया के सरकारी स्कूलों में जाकर के के पाठक ने विद्यालय के जर्जर भवन को तोड़कर नए भवन निर्माण करने का निर्देश दिया.
KK Pathak: के के पाठक जब एक स्कूल में गए तो उस वक्त प्रार्थना हो रही थी. वह सीधे क्लास रूम चले गये. प्रार्थना खत्म होते ही राष्ट्रगान शुरू हो गया. पाठक क्लास रूम का बीच में मुआयना रोक दूसरी मंजिल पर सावधान खड़े हो गये. फिर राष्ट्रगान खत्म होने के बाद निरीक्षण करना शुरू किया.
KK Pathak: के के पाठक ने स्कूल टाइम में आसपास के कोचिंग संस्थानों को बंद कराने की हिदायत दी. वहीं पूछा भी कि क्या कोचिंग के लिए जारी निर्देश से स्कूलों में बच्चों की हाजिरी में सुधार आया है?
KK Pathak: पाठक जब क्लास रूम जा रहे थे तभी उनकी नजर एक छात्रा पर पड़ी जो स्कूल ड्रेस में नहीं थी. इस पर मौजूद शिक्षिका से कहा कि जो बच्चे स्कूल ड्रेस में नहीं आते हैं, उसका उस दिन का हाजिरी काट दें. उन्होंने प्रधानाध्यापक से कहा कि जो छात्र-छात्राएं लगातार तीन दिनों तक विद्यालय नहीं आते हैं तो उसका नाम स्कूल से काट दीजिये. पढ़ाई से कोई समझौता मत कीजिये.
KK Pathak: अररिया में जैसे ही बच्चों ने के के पाठक को देखकर स्वागत गान गाया. केके पाठक के चेहरे पर मुस्कुराहट दौड़ गयी. के के पाठक ने मौजूद शिक्षक शिक्षिकाओं से पढ़ाई से जुड़े सवाल पूछे.
KK Pathak: के के पाठक जब अररिया के रानीगंज में एक स्कूल में पहुंचे तो प्रधानाध्यापिका गौरी शर्मा के कार्यालय पहुंच गए. उन्होंने विद्यालय प्रधानाध्यापिका के समक्ष उनकी कुर्सी पर बैठने से मना किया. वहीं पड़े अलग अलग कुर्सी पर सभी पदाधिकारी बैठे.
KK Pathak: के के पाठक जब स्कूल आए तो छात्र-छात्राओं की उपस्थिति इतनी अधिक मिली कि बैठने के लिए जगह कम पड़ गए. जमीन पर दरी बिछाकर छात्राएं बैठी मिलीं.
KK Pathak: के के पाठक ने एक स्कूल के परिसर में देखा कि स्कूल की जमीन पर अवैध तरीके से दुकान बनायी गयी हैं. जिसके बाद के के पाठक ने बुल्डोजर चला देने का निर्देश दे दिया.