धन से अधिक कीमती ज्ञान, इससे बढ़कर कोई दूसरा रिश्तेदार नहीं
धन से अधिक कीमती ज्ञान है. ज्ञान से बढ़कर कोई दूसरा रिश्तेदार नहीं होता है. हल्की भाषा, आपके हल्के चरित्र को दर्शाती है.
धन से अधिक कीमती ज्ञान है. ज्ञान से बढ़कर कोई दूसरा रिश्तेदार नहीं होता है. हल्की भाषा, आपके हल्के चरित्र को दर्शाती है. झूठ से जीव बढ़ता नहीं पिछड़ता है. यदि अपना अहित नहीं चाहते हो तो जन कल्याण ही चाहो. उक्त बातें उदयपुर से आयीं सुश्री निर्जरा जैन ने गुरुवार को श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र में भगवान शांतिनाथ ज्ञान कल्याणक महोत्सव में कहा. भक्तिमय वातावरण में महोत्सव समारोह पूर्वक मनाया गया. मंदिर में भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा का श्रद्धालुओं द्वारा 108 कलश से महा मस्तकाभिषेक किया गया. स्वर्ण कलश बेंगलुरु के दीपक गंगवाल एवं रजत कलश से भोपाल के भरत कटारिया ने मस्तकाभिषेक किया. श्रद्धालुओं की जयघोष से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. विश्वशांति धारा मुंबई के रत्नेश साह ने किया. इससे पहले श्री शाश्वत धाम उदयपुर से 93 लड़कियों का एक दल पहुंचा. अतिथियों का स्वागत सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपका ज्ञान ही आपका परिचय है. इस मौके पर सांगली के नवीन रारा दिल्ली के अशोक जैन, किशोर पहाड़िया, उज्जैन के शरद गंगवाल, कोटा के सलिल सेठी, अमित सरावगी, जयपुर के अमृत भाई, राम जैन, आलोक जैन आदि उपस्थित थे.
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