बिहार में अब शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे मजदूरों के बच्चे, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
Bihar News: भागलपुर में ईंट-भट्ठों, बालू घाटों और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूर परिवारों के बच्चों को अब शिक्षा से जोड़ा जाएगा. शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, 6 से 14 वर्ष के इन बच्चों का नजदीकी स्कूल में दाखिला कराया जाएगा, ताकि वे उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ सकें.
Bihar News: भागलपुर सहित पूरे बिहार में ईंट-भट्ठा, बालू घाट, सड़क निर्माण और अन्य औद्योगिक व निर्माण स्थलों पर काम करने वाले परिवारों के 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को निकट के विद्यालयों में दाखिला दिलाने की पहल शुरू की गई है. इस संबंध में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी किया है. यह आदेश 3 फरवरी 2025 को जारी हुआ, जिसमें कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है.
प्रवासी मजदूरों के बच्चों को मिलेगी शिक्षा
आदेश के अनुसार, उन बच्चों की पहचान की जाएगी जो अपने माता-पिता के साथ काम की तलाश में गांव से बाहर आकर विभिन्न परियोजनाओं में श्रम कर रहे हैं. इनमें ईंट-भट्ठे, बालू ढुलाई, सड़क निर्माण, सरकारी व गैर-सरकारी परियोजनाओं और होटलों में काम करने वाले बच्चे शामिल हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, जिसे लागू करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं.
बाल श्रम पर कड़ा प्रहार जरूरी
भागलपुर जिले में कई स्थानों पर छोटे बच्चे ईंट-भट्ठों, होटल-ढाबों, ई-रिक्शा चलाने और बालू ढुलाई जैसे कार्यों में लगे हुए हैं. ये बच्चे न केवल अपने बचपन से वंचित हो रहे हैं, बल्कि शिक्षा से भी कटते जा रहे हैं. खासकर, निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चे भी वहीं रहते हैं और अनदेखी के शिकार हो जाते हैं. प्रशासन की इस नई पहल से इन बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी.
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शिक्षा विभाग की कड़ी निगरानी
शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द इन बच्चों की पहचान कर उन्हें नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए. इस अभियान की सतत निगरानी भी होगी ताकि हर पात्र बच्चे को शिक्षा का लाभ मिले और बाल श्रम को रोका जा सके.