भागलपुर : भागलपुर की स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहर में दर्जनों बायो टॉयलेट का जगह-जगह निर्माण कराया. लेकिन कुछ महीने बाद ही तकरीबन सारे टॉयलेट पूरी तरह बर्बाद हो गये. जांच-पड़ताल हुई और मामला रफा-दफा हो गया. किसी शहरी को पता नहीं चला कि बायो टॉयलेट किसको फायदा देकर बर्बाद हुआ. स्मार्ट सिटी कंपनी लाखों की इस योजना को संभाल नहीं सकी और अब निर्णय लिया है कि डेढ़ करोड़ की लागत से शहर में इ-टॉयलेट की 15 यूनिट स्थापित की जायेगी.
स्मार्ट सिटी कंपनी ने निर्णय लिया है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर इ-टॉयलेट की 15 यूनिट लगायी जायेगी. इस पर डेढ़ करोड़ की लागत आयेगी. इस तरह का टॉयलेट चेन्नई, फरीदाबाद, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में देखे जाते हैं. ऐसे में भागलपुर जैसे शहर में इ-टॉयलेट कितना कामयाब हो पायेगा, यह वक्त बतायेगा. क्योंिक जो हैं उनकी तो सफाई नहीं होती, तो इनकी क्या व्यवस्था होगी यह तय नहीं. परिणाम यह है िक लोहिया पुल पर शौचालय है पर लोगों को खुले में पेशाब करना पड़ता है.