भागलपुर में जलापूर्ति योजना की रुकावट हुई दूर, रैयतों से ली जायेगी जमीन, भू-अर्जन कार्यालय को निर्देश जारी
भागलपुर में जलापूर्ति योजना के तहत इंटक वेल में गंगाजल लाने के लिए एप्रोच चैनल बनाने में आ रही अड़चन अब दूर हो जाएगी. इस योजना के लिए रैयतों से जमीन लेने के लिए भू-अर्जन कार्यालय को निर्देश जारी किया गया है.
Bhagalpur News: भागलपुर जलापूर्ति योजना-एक व दो के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज में इंटकवेल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इंटक वेल में गंगाजल को लाने के लिए एप्रोच चैनल का निर्माण होना है. लेकिन एप्रोच चैनल के निर्माण कार्य में स्थल के बगल में कुछ लोगों की जमीन आ गयी है. इसका कारण कुछ आवासित लोगों ने निर्माण कार्य का विरोध करते हुए कार्य को बंद करा दिया है.
भूमि अर्जन करने का निर्देश जारी
परियोजना में आ रही इस समस्या को देखते हुए जलापूर्ति योजना के परियोजना निदेशक (बुडको) ने सबौर के सीओ को मामले की जांच करने का अनुरोध किया था. इस पर सबौर सीओ ने रैयतों की सूची एडीएम कार्यालय (जिला राजस्व शाखा) को उपलब्ध करायी है. एडीएम ने संबंधित रैयतों से भूमि अर्जन करने का निर्देश जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को दिया है.
अब तक 160 करोड़ खर्च
जलापूर्ति योजना के इस प्रोजेक्ट पर करीब 160 करोड़ खर्च हो चुका है और काम 88 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है. गंगा किनारे से पानी लिफ्ट कर इंटकवेल तक पानी लाने का काम अभी नहीं हुआ है. इसके लिए चैनल का निर्माण होना है. यहां यह समस्या खड़ी हो गयी है कि चैनल बनाने के लिए जो पाइपलाइन बिछायी जानी है उसके रास्ते में निजी जमीन है. जिनकी जमीन है, उन्होंने काम पर रोक लगा दिया है.
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प्रोजेक्ट की पहली डेडलाइन थी मार्च
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट को पूरा करने की पहली डेडलाइन मार्च थी, जो फेल हो गयी है. दूसरी डेडलाइन अक्तूबर निर्धारित है. इससे पहले भू-अर्जन कार्य हो जाने पर ही समय सीमा के भीतर काम हो सकेगा. यह योजना भागलपुर शहर के लिए महत्वपूर्ण है. इसके पूरे हो जाने पर नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति की समस्या नहीं होगी.