Health Department: माॅनसून के दौरान भागलपुर समेत राज्य के विभिन्न जिलों में बहने वाली नदियां उफान पर हैं. बीते एक सप्ताह से गंगा व कोसी समेत अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ता जा रहा है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भागलपुर समेत अन्य जिलों में 15 सितंबर तक अपने सभी पदाधिकारियों व कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारी फैलने के बाद आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इससे संबंधित अधिसूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव ने जारी की है.
इनकी छुट्टियां रद्द
जिन कर्मियों की छुट्टी रद्द की गयी है, इनमें जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य और अधीक्षक से लेकर अन्य कर्मी, जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के स्थायी और संविदा पर कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी व कर्मचारी हैं. यह आदेश अध्ययन अवकाश और मातृत्व अवकाश पर लागू नहीं होगा. वर्तमान में जो पदाधिकारी या कर्मचारी अवकाश पर हैं, उन्हें अविलंब अपनी ड्यूटी पर योगदान करने का निर्देश दिया गया है.
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बढ़ रहा कोसी का जलस्तर
गंगा नदी बेसिन में बारिश कम होते ही इसका असर गंगा नदी के जलस्तर पर पड़ने लगा है. जल संसाधन विभाग द्वारा बुधवार दोपहर दो बजे जारी सूचना के अनुसार भागलपुर का जलस्तर स्थिर रहा. नदी का जलस्तर 31.91 मीटर रहा. भागलपुर में गंगा नदी का खतरे का निशान 33.68 मीटर है. फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.77 मीटर कम है. इधर, नेपाल में हो रही बारिश के कारण नवगछिया से सटे कुरसेला घाट पर कोसी नदी का जलस्तर 0.07 मीटर बढ़ कर 29.50 मीटर तक पहुंच गया. कोसी नदी खतरे के निशान 30 मीटर से फिलहाल आधा मीटर दूर है.
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गंगा नदी का जलस्तर स्थिर
इधर, गंगा के जलस्तर की बात करें तो बुधवार को इलाहाबाद में जलस्तर स्थिर रहा. वहीं वाराणसी व बक्सर में जलस्तर में वृद्धि हुई. पटना के दीघाघाट व गांधी घाट समेत मोकामा से सटे हाथिदा व मुंगेर में जलस्तर कम हुआ है. भागलपुर व कहलगांव में जलस्तर स्थिर है. गुरुवार को भागलपुर में जलस्तर कम हो सकता है.