बुदला हत्याकांड के तीन आरोपितों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीन सुशांत कुमार ने कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सजा रंगरा थाना के सधुआ के शैलेंद्र मंडल उर्फ हथकट्टा, सुनील मंडल, बोचो मंडल को सुनायी. अपर लोक अभियोजक अरुण कुमार साह ने बताया कि 15 अप्रैल 2013 को अपराधियों ने सधुआ के बुदला उर्फ बादल यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी. हत्या की प्राथमिकी मृतक के पिता उमेश यादव के बयान पर दर्ज की गयी. बुदला गांव के ही मुक्ति सिंह के घर पर ताश खेलने आया था. ताश खेल कर जा रहा था कि अचानक चार पांच फायर की आवाज सुनी. दौड़ कर देखा, तो सुबोध साह, भगत मंडल, मुन्ना मंडल, सुनील मंडल, बोचो मंडल, अकल मंडल, डब्बा सिंह, मिथुन सिंह, शैलेंद्र मंडल, मुक्तिनाथ सिंह हथियार लेकर तेजी से भाग रहे हैं. बुदला मुक्ति सिंह के दरवाजे पर मृत पड़ा था. उसके सिर व सीना में चार-पांच गोली लगी थी. इससे पूर्व सात अक्तूबर 2013 को भगत मंडल, अकल मंडल बुदला यादव को गोली मारा था, जो इलाज में बच गया था. जिसका कांड रंगरा में दर्ज किया गया था. हत्याकांड के मुकदमा में आरोप का गठन 17 जुलाई 2014 को किया गया था, जिसमें उमेश यादव, वीरो मंडल, जद्दु यादव, डॉ सुधांसु आरोपित थे. अपर जिला सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने मामले की सुनवाई के दौरान दोषी पाते हुए सधुआ के शैलेंद्र यादव उर्फ हथकट्टा, सुनील मंडल, बोचो मंडल धारा 302 149 भादवि में आजीवन कठोर कारावास, 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. धारा 147 149 भादवि में दो वर्ष की कठोर कारावास 500 रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. धारा 148 149 भादवि में तीन वर्ष की सजा पांच 500 रुपये अर्थदंड सुनाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह की कारावास की सजा भुगतनी होगी. 27 आर्म्स एक्ट में दो वर्ष की कारावास दो हजार रुपये अर्थदंड लगाया. अर्थदंड नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अरुण कुुमार साह ने बहस किया.
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