5 साल पहले बनकर तैयार हुई थी JLNMCH की ये चमचमाती बिल्डिंग, पर अब तक रोशनी भी नहीं पहुंची
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी, एनाटॉमी और बायोकेमिस्ट्री विभाग की चमचमाती बिल्डिंग पांच साल पहले बनकर तैयार हो गई थी लेकिन अब तक न तो विभागों को यहां शिफ्ट किया गया है और न ही लाइटिंग की कोई व्यवस्था की गई है
संजीव झा, भागलपुर. JLNMCH Building : दो तरफ से हरियाली से ढकी शीशे की विशाल दीवार और सफेद व नारंगी रंगों से रंगी चमचमाती बिल्डिंग भागलपुर के तिलकामांझी से बरारी जाने वाली सड़क की शोभा पिछले पांच वर्षों से बढ़ा रही है. लेकिन आज भी यह बिल्डिंग सिर्फ दर्शनीय है, किसी काम की नहीं. रोज इसके मुख्य द्वार के बाहर सड़क किनारे नगर निगम के सफाई कर्मी झाड़ू लगाते हैं, लेकिन बिल्डिंग का दुर्भाग्य ही कहिये कि इसमें आज तक कोई ”रोशनी” नहीं पहुंच पायी. यह जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय (JLNMCH) के फिजियोलॉजी, एनाटोमी एंड बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट का भवन है. बिल्डिंग का निर्माण इसलिए किया गया है कि इसमें ये तीनों विभाग शिफ्ट किया जा सके. बिल्डिंग तो बन गयी और अब इसकी बाहरी दीवारों के रंगों की चमक भी घटने लगी है, पर विभाग शिफ्ट नहीं हो सके.
6090.45 लाख की लागत से हुआ है बिल्डिंग का निर्माण
तिलकामांझी-बरारी रोड स्थित सुंदरवन के मुख्य गेट के सामने मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी, एनाटोमी एंड बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट का निर्माण कार्य हुआ है. इसी में शव का पोस्टमार्टम भी होगा. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड, पटना द्वारा निर्माण कराया गया है. यह भवन 6090.45 लाख की लागत से बना है. उक्त तीनों विभाग के साथ 50 क्षमता सीनियर रेजीडेंट, 50 क्षमता जूनियर रेजीडेंट व 25 क्षमता पीजी छात्राओं के छात्रावास का भी भवन निर्माण कार्य किया गया है.
पोस्टमार्टम भी इसी बिल्डिंग में होगा
नौलखा कोठी स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आनेवाले दिनों में पोस्टमार्टम नहीं होगा. इसकी व्यवस्था बरारी में की गयी है. नौलखा कोठी स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1970 में हुई थी. स्थापना काल से ही यहां शवों का पोस्टमार्टम भी किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज में पढ़नेवाले छात्र यहीं पर मानव शरीर क्रिया विज्ञान का अध्ययन करते आ रहे हैं. लेकिन बरारी में बने डिपार्टमेंट बिल्डिंग में इसे भी शिफ्ट करने की योजना है.
नौलखा बिल्डिंग से सारे सामान नयी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के लिए संवेदक की तलाश की जा रही है. जैसे ही संवेदक चयनित हो जायेंगे, सामान शिफ्ट कर दिया जायेगा. इसके साथ ही नयी बिल्डिंग में विभाग शुरू हो जायेगा.
–डॉ उदय नारायण सिंह, प्राचार्य, जेएलएनएमसीएच