Bhagalpur News: भागलपुर में स्ट्रीट लाइट की रोशनी गायब, त्योहारों पर अंधेरे में डूबेगा शहर

Bhagalpur News: भागलपुर में त्योहार स्ट्रीट लाइट की रोशनी में नहीं, बल्कि टिमटिमाते बल्ब और झालरों के बीच मनाने को मजबूर होना पड़ेगा. शहर में न तो नई स्ट्रीट लाइटें लग रही हैं और न ही खराब लाइटों की मरम्मत हो रही है. निगम सक्रिय नहीं हुआ तो परेशानी होगी. आग्रह के बाद भी मुख्यालय ने नई लाइटों की खरीद पर लगी रोक अब तक नहीं हटाई है.

By Anand Shekhar | September 9, 2024 9:12 PM

Bhagalpur News: त्योहारी सीजन शुरू होने जा रहा है और शहर को रोशन करने की दिशा में निगम प्रशासन गंभीर नहीं है. शहर में न तो नयी लाइट्स लग रही है और न ही पुरानी खराब पड़ी लाइट्स दुरुस्त करायी जा रही है. यही हाल रहा, तो इस बार स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी में नहीं, पूजा-पंडाल के टिमटिमाती बल्ब और झालरों की लाइट्स में त्योहार मनाना पड़ सकता है. दरअसल, नयी लाइट्स लगाने पर नगर विकास एवं आवास विभाग (यूडीएचडी) ने रोक लगा रखा है, तो वहीं निगम खराब लाइट्स को ठीक कराने के प्रति बेफिक्र है. इस संबंध में रोशनी शाखा के प्रभारी प्रदीप झा से बात करने की कोशिश की लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

खराब लाइट्स का अभी तक सर्वे नहीं हुआ

शहर में कितनी लाइट्स खराब है, इसकी जांच अब तक नहीं करायी जा सकी है. यह जब सर्वे होगा, तभी दुरुस्तीकरण की दिशा में कार्रवाई की भी उम्मीद बनेगी. पिछले साल शहर में सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटों में करीब चार हजार लाइटें खराब पड़ी थी, जिसको त्योहार के समय ठीक कराया था. इसके बाद ही गलियां व सड़कें रोशन हो सकी थी.

अनुरोध पर मुख्यालय ने नहीं दी अनुमति

नयी लाइट्स लगाने के लिए नगर निगम की ओर से अनुरोध किया गया था. मेयर डॉ बसुंधरा लाल ने भी अनुरोध की थी. सभी के अनुरोध को मुख्यालय ने नजरअंदाज कर दिया है. नयी लाइट्स लगाने की अनुमति अब तक नहीं दी है.

डेढ़ साल पहले के सर्वे पर 7088 नये बिजली पोल में लगनी है नयी लाइट्स

डेढ़ साल पहले सर्वे हुआ था. इसमें 7088 नये बिजली पोल चिह्नित किये गये थे, जिसमें नयी लाइट्स लगनी है. इधर, इतने दिनों जाहिर है कि इसकी संख्या भी बढ़ गयी होगी. तब के सर्वे में 10 हजार नयी लाइट्स का रिक्वायरमेंट था.

यह रहा रोक लगाने की वजह

नगर निगम को यह अधिकार दिया गया था कि वे आवश्यकतानुसार अपने नगर निकाय में समुचित प्रकाश व्यवस्था के लिए षष्ठम राज्य वित्त आयोग, 15 वें वित्त आयोग एवं अपने आंतरिक संसाधन मद की राशि से नयी लाइट्स का क्रय करेंगे. यूडीएसडी ने इस छूट पर गड़बड़ी पकड़ी थी और इस पर एक्शन लिया था. दरअसल, नयी लाइट्स की खरीद पर नगर निगम का रेट अलग-अलग था. इस वजह से स्ट्रीट लाइट्स की खरीद पर रोक लगा दी थी.

खराब लाइट्स की मरम्मत की जिम्मेदारी एजेंसी पर

कुछ साल पहले नगर निगम ने कार्य एजेंसी के माध्यम से 10103 नयी लाइट्स लगायी थी. इसके मेंटनेंस कार्य की अवधि अभी साल 2026 तक है. बावजूद, इस कार्य में कोई खास प्रगति नहीं है. वहीं, निगम को भी खुद से लाइट्स ठीक कराना है, जिसमें उसकी गंभीरता नजर नहीं आ रही है.

इसे भी पढ़ें: Muzaffarpur Airport: पताही एयरपोर्ट से जल्द शुरू होंगी उड़ानें, विस्तारीकरण के लिए 475 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

स्ट्रीट लाइट्स एक नजर में

  • एजेंसी के माध्यम से लगा है : 10103
  • नगर निगम का लगा है : 2200
  • बिना लाइट्स का पोल : 7088
  • नयी स्ट्रीट लाइट्स का रिक्वायरमेंट : 10,000
  • पिछले साल हुआ मरम्मत : 4,000
  • नयी लाइट्स की खरीद पर रोक नहीं लगती तो खर्च होता : 04 करोड़ रुपये

इस वीडियो को भी देखें: बिहार के ऑटो चालक कैसे पहुंचे केबीसी तक?

Next Article

Exit mobile version