पहले की तरह डिप्लोमा होल्डर को भी मिले नौकरी, कला केंद्र को मिले डिग्री की मान्यता

कला केंद्र पूर्व वर्ती छात्र संघ सीएमओ व पीएमओ को पत्र लिखकर पहले की तरह कला केंद्र के डिप्लोमा होल्डर को नौकरी देने व टीएमबीयू के कुलपति से मिलकर कला केंद्र को डिग्री की मान्यता देने की मांग रखेगी

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2024 9:30 PM

कला केंद्र पूर्व वर्ती छात्र संघ सीएमओ व पीएमओ को पत्र लिखकर पहले की तरह कला केंद्र के डिप्लोमा होल्डर को नौकरी देने व टीएमबीयू के कुलपति से मिलकर कला केंद्र को डिग्री की मान्यता देने की मांग रखेगी. उक्त बातें संघ के अध्यक्ष डॉ सुधीर मंडल ने प्रभात खबर से बातचीत में कही. 80 से 90 की दशक में छात्र-छात्राओं की संख्या बहुत अधिक थी. इसका मूल कारण था कि डिप्लोमा होल्डर को नौकरी मिल जाती थी. पूरे देश में अब डिग्री अनिवार्य है. खुद दिल्ली केंद्रीय विद्यालय में कला शिक्षक हैं. कला केंद्र के 1986-91 बैच के छात्र रहे हैं. डॉ सुधीर मंडल, अध्यक्ष, कला केंद्र पूर्ववर्ती छात्र संघ ———– कला केंद्र जमीन का टुकड़ा बनकर रह गया है. जिस तरह हरेक चीजों में व्यापकता आयी है, उसी तरह कला कंद्र में कला दीर्घा, व्यवस्थित मंच, सभी विधा के लिए अलग-अलग कक्षा हो. यहां मधुबनी पेंटिंग की विशेषज्ञता हासिल करके अपनी कला के बदौलत प्रदेश व प्रदेश के बाहर प्रशंसा बटोर चुकी हूं. शालू सिन्हा, 1989-93 बैच की छात्रा ———- पहले कला केंद्र में चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, फाइन आर्ट व नृत्य की नियमित कक्षा होती थी. सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा था. पर्यटन के लिए ले जाया जाता था, जहां प्राकृतिक माहौल में चित्रकला व अन्य विधा को सीखने का मौका मिलता था. अब व्यवस्था की कमी है. यहां 1987-93 तक कला केंद्र में छात्र रहे. पंकज मणि, शिक्षक, दिल्ली केंद्रीय विद्यालय ————- बहरीन, दुबई, अबुधाबी, सिंगापुर में पेंटिंग प्रदर्शनी लगा चुकी हूं. दुबई में 1993 में 70 हजार रुपये में उनकी पेंटिंग की कीमत एक शेख ने लगायी थी. पेंटिंग रसियन वाइल पेंटिंग थी. 1991 में कला केंद्र पढ़ाई करते हुए शादी हुई. अभी फ्रिलांस आर्टिस्ट के रूप में काम कर रही हूं. डॉ ज्योत्सना पांडेय, पूर्ववर्ती छात्र संघ की सदस्य ———— कला केंद्र के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की जरूरत है. शिक्षक से लेकर व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत है. सरकारी सुविधा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. कम संसाधन में कला केंद्र की व्यवस्था चल रही है. अमृता सिंह, पूर्ववर्ती छात्र संघ की सदस्य ————— इसके अलावा शालिनी सिन्हा, नूतन, सरिता, अमृता सिंह, जयप्रकाश, शशिशंकर, प्रवीण कुमार, बबीता आदि भी कला केंद्र में व्यवस्था सुधार व डिग्री की मान्यता की मांग उठायी.

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