प्रतिनिधि, कहलगांव
पूरबटोला वार्ड 15 पांडे गली में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को वृंदावन धाम से पधारी अर्चना सिंह ने श्रीमद् भागवत कथा पुराण का सार बताते हुए कहा कि मनुष्य योनि में जन्म के उपरांत श्रीमद् भागवत का श्रवण, यह हमारे पुण्य कर्मों का ही फल है. कई जन्मों के पुण्य जागृत होते हैं तब हमें श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है. जिस मानव के मुख पर सदैव भगवान के नाम का उच्चारण होता है वह इस जीवन मृत्यु चक्र से मुक्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मित्र थे सुदामा. सुदामा जी सांसारिक रूप से धनी नहीं थे किंतु आध्यात्मिक रूप से बहुत धनी थे. वह इतने धनी थे कि भगवान उनके मित्र बन गये थे. मित्रता हमें व्यवहार संस्कार देख कर करनी चाहिए ना कि धन देख कर. आज संसार में मित्र हमें गलत दिशा में प्रोत्साहित करते हैं. मित्र वही होता है, जो आपको मंदिर ले जाए न कि मदिरालय. भगवान श्री कृष्णा और मित्र सुदामा की काफी घनिष्ठता थी फिर भी उन्होंने धन की अभिलाषा नहीं रखी. भगवान श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर उन्हें भव्य दिव्य राज्य दिया. सुदामा जी ने भगवान श्री कृष्ण को यह कह कर राज्य ठुकरा दिया कि मुझे आपकी माया नहीं मुझे आप चाहिए. तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि प्रिय मित्र तुम्हें मेरी माया कभी नहीं सतायेगी. तुम इस राज्य में राज्य करो. जब तक हम भगवान के कथाओं का श्रवण नहीं करेंगे हमें यह ज्ञात नहीं होगा कि जीवन किस प्रकार जीना चाहिए. जीवन जीने की राह दिखाती है भगवान की लीलाएं. इसीलिए हमें प्रतिदिन भगवत स्मरण और उनके कथाओं का श्रवण करना चाहिए. इस संसार में सभी भौतिक चीजों को बनाने के लिए मशीन हमारे पास उपलब्ध है, किंतु व्यक्तित्व या चरित्र बनाने के लिए कोई मशीन नहीं है. व्यक्तित्व और चरित्र बनाने का कार्य करता है श्रीमद् भागवत महापुराण. कलयुग में मनुष्य भगवान के नाम का जाप कर अपना कल्याण करें. मौके पर कथा का श्रवण करने आसपास से आये धर्मप्रेमी तथा आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे.रुद्रचंडी महायज्ञ व श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ का उद्घाटन
गोपालपुर.
सुकटिया बाजार पंचायत के पुरानी दुर्गा मंदिर के प्रांगण में आयोजित 11 दिवसीय रुद्रचंडी महायज्ञ व राम कथा ज्ञान महायज्ञ मंच का उद्घाटन दीप जला कर टीएमबीयू के कुलपति डॉ जवाहर लाल ने किया. विशिष्ट अतिथि बीएन कॉलेज भागलपुर के प्राचार्य डाॅ अशोक ठाकुर, प्रो डाॅ ज्योतिंद्र चौधरी, डाॅ आशा ओझा, कविवर राजकुमार, सीनेट सदस्य डाॅ मृत्युंजय सिंह गंगा, अतिथि सुरेश मिश्र, पीताम्बर पाठक, अमरनाथ दुबे, काशी, हरिशंकर ओझा, बक्सर, कुंदन बाबा विंध्याचल मौजूद थे. अंग वस्त्र से अतिथियों को सम्मानित किया गया. स्वामी आगमानंद महाराज, डाॅ श्रवण शास्त्री काशी व बनारस की हीरामणि दीदी भक्तों को भक्ति की गंगा में गोते लगायेंगे. भजन गायक डाॅ हिमांशु मोहन मिश्र दीपक अपनी सुमधुर वाणी से भजन सुनायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है