कोर्स पूरा कर चुके 144 स्टूडेंट दबा बैठे हैं 2.22 करोड़ का एजुकेशन लोन, अब दर्ज होगा केस
जिले के 144 स्टूडेंट एजुकेशन लोन लेने के बाद इसे चुकाने के बजाय बेफिक्र हो गये हैं. लोन वसूली की राशि करीब 2.22 करोड़ रुपये है. समय से लोन चुकता नहीं होता देख अब ऐसे स्टूडेंट के खिलाफ सर्टिफिकेट केस किये जाने की कार्रवाई जिला प्रशासन के स्तर से शुरू हो गयी है.
जिले के 144 स्टूडेंट एजुकेशन लोन लेने के बाद इसे चुकाने के बजाय बेफिक्र हो गये हैं. लोन वसूली की राशि करीब 2.22 करोड़ रुपये है. समय से लोन चुकता नहीं होता देख अब ऐसे स्टूडेंट के खिलाफ सर्टिफिकेट केस किये जाने की कार्रवाई जिला प्रशासन के स्तर से शुरू हो गयी है. चिह्नित किये गये छात्रों की फाइल तैयार कर ली गयी है. अब उन्हें नोटिस भेज कर कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अधिकतम चार लाख रुपये का ऋण मिलता है. पहले इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और वोकेशनल सहित अन्य कोर्स के छात्रों को भी लाभ दिया जाता था, लेकिन अब इसमें चारवर्षीय स्नातक कोर्स को भी शामिल कर लिया गया है. अब बीए, बीएससी व बीकॉम और एमए, एमएससी व एमकॉम के विद्यार्थी भी इसका लाभ ले सकते हैं. कोर्स पूरा होने के एक साल के बाद से ब्याज की गणना की जाती है. चार प्रतिशत साधारण ब्याज देना पड़ता है, जबकि छात्रा, दिव्यांग व ट्रांसजेंडर को एक प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है. पढ़ाई पूरी होने के बाद चुकाना पड़ता है लोन इस योजना के तहत लोन चुकता नहीं करनेवाले चिह्नित छात्रों को नोटिस दी जाती है. नोटिस के बाद भी लोन नहीं चुकाने पर सर्टिफिकेट केस किया जा रहा है. वर्ष 2016 में शुरू योजना के तहत छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाता है. लिया गया कर्ज पढ़ाई पूरी होने के सालभर बाद लौटाना पड़ता है. वहीं पहले नौकरी लग जाने पर यह छह माह में लौटाने की व्यवस्था है. पहले बैंक से लोन का भुगतान होता था. वर्ष 2018 में बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की स्थापना के बाद वहीं से भुगतान होता है. पढ़ाई पूरी करने के बाद भी रकम चुकाना शुरू नहीं करने पर सर्टिफिकेट केस दायर किया जाता है. केस से मुक्त होने का भी है उपाय जिनपर केस दायर किया जाता है, वे राशि का भुगतान कर इससे मुक्त हो सकते हैं. यह लोन छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिया जाता है. इसे समय से नहीं चुकाने पर भविष्य में दूसरा लोन नहीं मिल सकता. नौकरी मिलने में भी समस्या आ सकती है. महंगे कोर्स करने के लिए है अच्छी सुविधा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र–छात्राओं के लिए काफी अच्छी सुविधा है. इस योजना के तहत स्टूडेंट्स महंगे सामान्य कोर्स के अलावा महंगे व्यवसायिक कोर्स भी कर सकते हैं. इसके लिए डीआरसीसी में आवेदन करना पड़ता है. सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति लागू किये जाने के बाद नये पाठ्यक्रमों के तहत पढ़नेवाले स्टूडेंट को सीबीसीएस के चार वर्षीय स्नातक के लिए भी विद्यार्थी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की योजना का लाभ देने का प्रावधान किया गया है.
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