दो विभागों के विवाद में पांच दिनों से अंधेरे में है लोहिया पुल, गश्ती गाड़ी भी नहीं रुकती

नगर निगम और बिजली विभाग के बीच फिर से विवाद शुरू हो गया है. विवाद वर्षों पुराना बकाया बिल को लेकर है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 17, 2024 11:46 PM

– नगर निगम व बिजली विभाग के बीच बकाया बिल को लेकर विवाद शुरूवरीय संवाददाता, भागलपुर

नगर निगम और बिजली विभाग के बीच फिर से विवाद शुरू हो गया है. विवाद वर्षों पुराना बकाया बिल को लेकर है. इस बार इसका असर राहगीरों पर पड़ रहा है. लोहिया पुल का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है. पिछले पांच दिनों से पुल अंधेरे में डूबा है. हालांकि, विवाद को दोनों विभाग छुपाने में लगे हैं. लाइटें बंद होने का कारण स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया बतायी जा रही है. जबकि, अबतक यह होता रहा है कि कहीं भी स्मार्ट मीटर लगता है, तो सिर्फ पुराने इलेक्ट्रिक मीटर को हटाने और नये स्मार्ट मीटर के इंस्टालेशन तक ही बिजली बंद रहती है. इंस्टॉलेशन जितनी जल्दी होती है, उतनी जल्दी बिजली चालू हो जाती है. चाहे वह डोमेस्टिक कनेक्शन हो या कॉमर्शियल कनेक्शन. इस संबंध में नगर निगम के सिटी मैनेजर से बात करने की कोशिश की गयी, तो फोन रिसीव नहीं किया गया. योजना शाखा की ओर बताया गया है कि स्मार्ट मीटर लगना है, अस्थायी रूप से बिजली बंद की गयी है.लोहिया पुल पर अंधेरे की वजह से अब गश्ती गाड़ियां भी नहीं रुकतीलोहिया पुल पर अंधेरा रहने की वजह से यहां अब गश्ती गाड़ियां भी नहीं रुकती है. जबकि, पहले कोई न कोई एक गश्ती गाड़ी पुल पर खड़ी नजर आ जाती थी. अंधेरे की वजह अभी तो पुल पर गश्ती गाड़ी का रहना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. लोहिया पुल पर रात 10 बजे के बाद चहल-पहल में कमी होने लगती है. जैसे-जैसे रात बढ़ती है, वैसे-वैसे अवाजाही लगभग बंद हो जाती है. रात एक बजे से तीन बजे तक यह पुल करीब-करीब सूना हो जाता है. सिर्फ वही लोग दिखते हैं, तो रात में ट्रेन से उतर कर घर जाते हैं अथवा इमरजेंसी में घरों से निकलना पड़ता है. तब अंधेरे में डूबे सूने पुल से गुजरना मुश्किल हो जाता है. दक्षिणी शहर के मुकेश व विजय ने बताया गया कि रात में पुल से होकर गुजरने का मौका पड़ा, तो अंधेरे में डूबे सुनसान पुल पर डर लगने लगा.

जानें, विवाद के बारे में

बिजली विभाग और नगर निगम के बीच बिल को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. बिजली विभाग निगम से बिजली बिजली बिल मांग रहा है, तो निगम बिजली विभाग से शहरी क्षेत्र में तार-पोल का टैक्स. एक-दूसरे के बीच लंबे समय से समझौता नहीं हो सका है. हालांकि, पिछले माह नगर निगम ने एक करोड़ से ज्यादा की राशि बिजली बिल मद में जमा किया है.

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