लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. बिहार में कुल 7 चरणों में मतदान कराए जाएंगे. बिहार की 40 लोकसभा सीटों में एक भागलपुर को राजनीति के नजरिए से प्रमुख सीट माना जाता है. यहां से अलग- अलग दलों के सियासी दिग्गज जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. वहीं इसबार लोकसभा चुनाव को लेकर स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों के बीच चर्चा का बाजार गरमाया हुआ है. भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी रणभेरी बजा दी है लेकिन अभी तक इस सीट पर सस्पेंस बरकरार है. सीट शेयरिंग से लेकर उम्मीदवार तक को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी है.
दूसरे चरण में 26 अप्रैल को भागलपुर में होगा मतदान
भागलपुर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को मतदान होना है. 28 मार्च से इस चरण के लिए नामांकन शुरू हो जाएगा. 23 लाख से अधिक मतदाता अपना वोट डालेंगे और सांसद का चुनाव करेंगे. प्रशासन ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. लेकिन इस सीट पर महागठबंधन और एनडीए की ओर से किस दल के प्रत्याशी उतारे जाएंगे. इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है. सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच अभी इसी की चर्चा तेज हो चुकी है.
भागलपुर से अलग-अलग दल के सांसद बने
भागलपुर ने भागवत झा आजाद और रामजी सिंह भी सांसद बने. सुशील मोदी और शाहनवाज हुसैन भी यहां से सांसद बने. भागलपुर की जनता ने अलग-अलग दल को समय-समय पर अपना मजबूत समर्थन दिया और सांसद के रूप में उनका चयन किया. कांग्रेस, राजद, भाजपा और वामदल के भी उम्मीदवार यहां से जीतकर संसद पहुंचे हैं.
प्रचंड लहर में भी इस सीट के परिणाम ने चौंकाया
लोकसभा चुनाव 2014 में प्रचंड मोदी लहर में भाजपा उम्मीदवार शाहनवाज हुसैन को राजद के उम्मीदवार बुलो मंडल ने हराया था. जबकि लोकसभा चुनाव 2019 में यह सीट गठबंधन के तहत जदयू के खाते में चली गयी. जदयू ने अपने विधायक अजय मंडल को टिकट दे दिया. NDA के प्रत्याशी अजय मंडल ने तब महागठबंधन समर्थित राजद उम्मीदवार बुलो मंडल को सीधी टक्कर में मात दी और सांसद बने. इस बार यह सीट जदयू के पास रहेगी या भाजपा के पास, इसे लेकर कयास तेज हो गए हैं.
सीट और उम्मीदवार को लेकर दोनें खेमों में सस्पेंस बरकरार
भागलपुर में एनडीए की बात करें तो भाजपा और जदयू दोनों खेमे से कई दावेदार इस बार सक्रिय हैं. यह सीट जदयू के पास रहेगी या भाजपा के खाते में फिर से जाएगी, इसपर लोगों के बीच सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है. एनडीए के वर्तमान समीकरण में चर्चा यह भी हुई कि जदयू कुछ सीटों की अदला-बदली कर सकती है. जिसके बाद यह चर्चा और तेज हुई कि कहीं भागलपुर सीट पर भी तो कुछ ऐसा नहीं होने वाला. हालांकि इसे लेकर अभी कोई साफ स्थिति नहीं सामने आयी है. महागठबंधन में भी कुछ ऐसा ही है. राजद के पास यह सीट रहेगी या राजद इस सीट को साथी दल को सौंपेगी, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा व कयास लगाए जा रहे हैं.
कौन होगा उम्मीदवार, लोग एक-दूसरे से पूछ रहे..
अगर भागलपुर सीट जदयू के पास रहती है तो क्या जदयू अपने जीते हुए कंडिडेट पर ही दांव लगाएगी, या उम्मीदवार बदले जाएंगे? इसे लेकर भी सस्पेंस बरकरार है. वहीं विपक्षी खेमे में अगर RJD के खाते में सीट गयी तो उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है. उम्मीदवारी को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा है. हालात ये बने हुए हैं कि किसी नेता को लेकर कभी इस दल से दावेदारी की चर्चा चलती है कभी उस दल की. लोग फोन पर अपने करीबियों से जानकारी लेते पाए जा रहे हैं कि ये सीट किसके खाते में आएगी और उम्मीदवार कौन होगा. हालांकि जल्द ही तमाम सस्पेंस से भी अब पर्दा उठने ही वाला है.