भागलपुर से ललित किशोर मिश्र
Lok Sabha Election 2024 भागलपुर लोकसभा सीट से इस बार भी पुराने धुंरधरों के बीच चुनावी टक्कर होगी. यहां गंगोता और यादव दो बड़े मतदाता वर्ग हैं, दोनों एकदूसरे के खिलाफ वोट करते रहे हैं. एक ओर गंगोता के साथ कोइरी मतदाताओं की गोलबंदी होती है, वहीं यादव मतदाताओं के साथ अल्पसंख्यक वोटर लामबंद होते हैं. सवर्ण, अल्पसंख्यक और कुशवाहा मतदाता निर्णायक साबित होते रहे हैं.
इस बार भागलपुर में एनडीए से मौजूदा जदयू के सांसद अजय मंडल को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया गया है. उनके मुकाबले महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस की झोली में गयी है. अजय मंडल के मुकाबले कांग्रेस में उम्मीदवार तय नहीं हो पाया है. भागलपुर को लेकर देश दुनिया की निगाहें टिकी हैं. यहां से भाजपा के 2004 में सुशील कुमार मोदी, 2005 के उप चुनाव और 2009 में भाजपा के ही शाहनवाज हुसैन चुनाव जीत चुके हैं.इसके पहले 1998 में भाजपा के प्रभाष चंद्र तिवारी और अगले साल 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में माकपा के सुबोध राय भी सांसद निर्वाचित हो चुके हैं.
भागलपुर लोकसभा में अभी तक के जितने भी चुनाव हुए अभी तक सबसे ज्यादा चुनाव कांग्रेस ने जीता है. पूर्व सीएम स्व भागवत झा आजाद ने भागलपुर लोकसभा सीट से पांच बार प्रतिनिधित्व किया है. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. इमरजेंसी के बाद कांग्रेस इस सीट से दो बार ही चुनाव जीत पायी. उसके बाद इस सीट पर राजद और भाजपा ने जीत हासिल की. 1977 के आम चुनाव में भागलपुर लोकसभा सीट से पद्मश्री से सम्मानित डा रामजी सिंह भारतीय लोकदल के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर सांसद बने थे. इसके बाद से कांग्रेस कमजोर पड़ती गयी. क्षेत्र की जनता ने 1977 के बाद किसी भी दल के दबदबा को कायम नहीं करने दिया. कभी-कभी धारा के विपरीत भी यहां जनादेश मिलता रहा.
भागलपुर लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा विहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगांव, भागलपुर और नाथनगर आते हैं. इनमें तीन विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. एक पर जदयू, राजद और कांग्रेस भी एक-एकसीट पर काबिज हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू के अजय मंडल को छह लाख् 18 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को तीन लाख चालीस हजार से अधिक वोट आये.
भागलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस, भाजपा, जदयू, भाकपा व राजद समर्थित पार्टी के उम्मीदवार ही जीत पाये. अन्य दल जैसे बसपा, सपा सहित अन्य दल इस सीट से कभी नहीं जीत पायी. सीट से बसपा से वर्तमान कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा व बाहुबली पप्पू खान चुनाव लड़े थे, लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. भागलपुर लोकसभा सीट से ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम, भूमिहार ,धानुक, गंगाेता जाति के उम्मीदवार चुनाव जीत कर सांसद बने. इस सीट से सबसे ज्यादा चुनाव कांग्रेस ने ही जीता. उसके बाद भाजपा, भाजपा के बाद राजद और एक बार भारतीय लोक दल व एक बार भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव जीता था.
– 2014 में मोदी लहर में भी नहीं खिल पाया था कमल
2014 के लोकसभा चुनाव जब भारतीय जनता पार्टी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी बने थे. उस समय पूरे देश में मोदी लहर थी. भागलपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री व दो बार भागलपुर के सांसद रहे सैयद शाहनवाज हुसैन उम्मीदवार थे. उस समय मोदी लहर में भागलपुर सीट से कमल नहीं खिल पाया था. इस सीट से राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने शाहनवाज हुसैन को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे. उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन से जदयू के अलय मंडल ने राजद के बुलो मंडल को हराया था.
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