लेखा-जोखा के देवता भगवान चित्रगुप्त व कलम-दवात की हुई पूजा
जिले के कायस्थ बहुल क्षेत्रों में बही-खाता, कलम-दवात समेत भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गयी. लेखा-जोखा के देवता भगवान चित्रगुप्त जयंती का आयोजन रविवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में किया गया. लाेगोें ने भगवान चित्रगुप्त की आस्था व भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया.
जिले के कायस्थ बहुल क्षेत्रों में बही-खाता, कलम-दवात समेत भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गयी. लेखा-जोखा के देवता भगवान चित्रगुप्त जयंती का आयोजन रविवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में किया गया. लाेगोें ने भगवान चित्रगुप्त की आस्था व भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया.
मिलन समारोह में एक-दूसरे के मिले गले और दी बधाई
शहर के विभिन्न हिस्सों से आये समाज के वरिष्ठ लोगों ने मिलन समारोह किया और एक-दूसरे से गले मिलकर बधाई दी. शहर के सिकंदरपुर, भीखनपुर, बड़ी खंजरपुर, शिवपुरी कॉलोनी, इशाकचक समेत अन्य स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना हुई.सिकंदरपुर में स्थित चित्रगुप्त मंदिर में श्रद्धा एवं भक्ति के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा कायस्थ समाज के लोगों ने की. मंदिर से जुड़े विजय सिन्हा व आशीष सिन्हा ने पूजन कार्यक्रम का संचालन किया. राढ़ी बांधव समिति के पदाधिकारी प्रणव दास के संचालन में सुरखीकल में, बड़ी खंजरपुर स्थित गुलजारी लाल पथ पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना हुई. तिलकामांझी, लालबाग में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित की गयी. शाम को संध्या आरती हुई. मानिकपुर दुर्गा स्थान समीप चित्रगुप्त मंदिर में हरिशंकर सहाय व चंदन सहाय के संचालन में पूजा-अर्चना हुई.
वहीं आदमपुर शिव शक्ति मंदिर समीप एक होटल सभागार में श्रीकृष्णा कलायन कला केंद्र की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया गया. निदेशक श्वेता सुमन ने कार्यक्रम का संचालन किया. इसमें कलाकारों ने भगवान चित्रगुप्त की महिमा पर आधारित भजन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का समापन भंडारा के साथ हुआ.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है