भागलपुर: सृजन घोटाले में को-ऑपरेटिव बैंक की गयी राशि की बैंक से वसूली करने के लिए हाइकोर्ट में मामला दर्ज किया जायेगा. इसके लिए अधिवक्ता से परामर्श किया जायेगा कि रिट पिटीशन दायर किया जाये या फिर मनीसूट.अधिवक्ता से उनकी फीस का निर्धारण भी उनसे विचार-विमर्श कर किया जायेगा. सोमवार को दी भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में इस पर मुहर लगी.
बोर्ड ने निर्णय लिया कि डेली डिपॉजिट के लिए ज्यादा से ज्यादा एजेंट बहाल किये जायेंगे. इसका विज्ञापन निकाला जायेगा. हर शाखा में सात-आठ एजेंट रखे जायेंगे. एजेंट की ओर से जो राशि ग्राहकों से जमा ली जायेगी, उस राशि के विरुद्ध 80 प्रतिशत लोन की भी सुविधा दी जायेगी.
बोर्ड ने फैसला किया कि छोटे-छोटे व्यापार के लिए ऋण दिया जायेगा. बोर्ड ने कहा है कि यह कोशिश हो कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना अंतर्गत जमा आवेदन के आधार पर केसीसी ऋण की स्वीकृति दी जायेगी. स्वयं सहायता समूह बना कर ऋण देने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें नाबार्ड के डीडीएम ने मदद करने की बात कही. डीडीएम ने सुझाव दिया कि 25 पैक्सों का चयन कर उसका विकास करें, इसमें नाबार्ड भी सहयोग करेगा.