हसन पीर वासफा रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स-ए-पाक मंगलवार से शुरू हो गया. दरगाह की जियारत के लिए अकिदतमंदों की भीड़ लगी रही. मगरिब की नमाज के बाद दरगाह शरीफ पर चादरपोशी की गयी. लोगाें ने शांति, भाईचारा व तरक्की की दुआ मांगी. इससे पहले जोहर की नमाज के बाद शहर भर में चादर की गश्ती करायी गयी. इशा की नमाज के बाद जलसा का आयोजन किया गया. दरगाह शरीफ की जियारत के लिए काफी संख्या में लोग जुटे थे. राजस्थान से आये मुफ्ती शम्सउद्दीन ने जलसा को खिताब करते हुए कहा कि बुजुर्गों की दरगाह लोगों को शांति, प्रेम व भाईचारा का संदेश देता है. उनके दरगाह से लोगों को फैजयाबी ही मिलती है. बुजुर्गोें ने हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम किया. कार्यक्रम को मौलाना फारूक अजीम रिजवी ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आये शायर ने हजरत की शान में एक से बढ़ कर एक नातिया कलाम पेश किया. उर्स-ए-पाक को लेकर दरगाह शरीफ को 200 किलो फूल व रंग-बिरेंगे बल्बों से सजाया गया था. इस अवसर पर उर्स कमेटी के अध्यक्ष शेर खान, सचिव मो सऊद आलम, संयुक्त सचिव मो बेलाल हुसैन, मो जाहिद सहित कमेटी के सभी सदस्य आदि मौजूद थे. वहीं, उर्स-ए-पाक के दूसरे दिन बुधवार को महफिल-ए-शमा का आयोजन किया जायेगा. ————————– हजरत शहबाज मोहम्मद रहमतुल्लाह अलैह उर्स-ए-पाक आज से मौलानाचक स्थित सुप्रसिद्ध सूफी हजरत शहबाज मोहम्मद रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय सालाना 397वां उर्स-ए-पाक आज से शुरू होगा. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. सज्जादानशीन सैयद शाह इंतेखाब आलम शहबाजी मगरिब की नमाज के बाद खानकाह परिसर में झंडोत्तोलन कर इसकी शुरुआत करेंगे. उर्स-ए-पाक को लेकर खानकाह को सजाया व संवारा गया है. उर्स-ए-पाक के दूसरे दिन दरगाह शरीफ पर चादरपाेशी व जलसा का आयोजन किया जायेगा. कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से उलेमा-ए-दीन व शायर शिरकत करेंगे. अंतिम दिन शमा-ए-महफिल का भी आयोजन किया जायेगा. सारे कार्यक्रम की अध्यक्षता सज्जादानशीन की अध्यक्षता में होंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है