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प्रेम विवाह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं : संगीता सुमन

प्रेम विवाह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं : संगीता सुमन

घोघा. सहस्त्र शतचंडी यज्ञ पन्नूचक शीतला मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन प्राचीन भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डाला गया. वर्तमान समय में बिना अभिभावक की मर्जी के विवाह कर रहे युवक-युवतियों को संदेश देते हुए कथा वाचिका संगीता सुमन कहती हैं कि प्रेम विवाह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं. ऐसे विवाह की मंशा से दूर रहे. शास्त्रों में भी दो ही विवाह विधान को सफल माना गया है. एक राम विवाह व दूसरा शिव विवाह. इसके अलावा विवाह कभी नहीं हुआ. बिना अभिभावक व बुजुर्गों के आशीर्वाद का वैवाहिक जीवन कभी सफल नहीं होता. युवक-युवतियों को मेरा संदेश है कि प्रेम विवाह कर अपने परिवार व समाज को शर्मिंदा न होने दें. ऐसे विचारों से दूर रहें.

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