खतरे के निशान के ऊपर बह रही महानंदा, गांव का भूगोल बदलने को आतुर है कोसी
भागलपुर : कोसी का कहर खगड़िया में जहां विकराल रूप लिया, वहीं, सुपौल में कोसी का डिस्चार्ज घटा है. कटिहार में महानंदा अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी गयी. महानंदा नदी के जलस्तर में शनिवार को वृद्धि शुरू होने के बाद बुधवार को उतार चढ़ाव रहा. जबकि, पिछले छह घंटे के दौरान महानंदा नदी का जलस्तर में एक स्थान पर बढ़ रहा है.
भागलपुर : कोसी का कहर खगड़िया में जहां विकराल रूप लिया, वहीं, सुपौल में कोसी का डिस्चार्ज घटा है. कटिहार में महानंदा अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी गयी. महानंदा नदी के जलस्तर में शनिवार को वृद्धि शुरू होने के बाद बुधवार को उतार चढ़ाव रहा. जबकि, पिछले छह घंटे के दौरान महानंदा नदी का जलस्तर में एक स्थान पर बढ़ रहा है.
खगड़िया में उफान भरती कोसी पचाठ गांव को निगलने को आतुर
खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र की आधी आबादी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती उफनाई कोसी नदी अब बसावटों के समीप पहुंच कर संपर्क के भू-भाग को निगलने को आतुर है. वहीं, संभावित बाढ़ के संकट से प्रभावित इलाके के लोगों की धड़कनें भी तेज हो गयी हैं. तेलिहार के कामा थान मुसहरी, आनंदी सिंह बासा, तिरासी टोला, बलैठा का पचाठ, डाढ़ी, नववटोलिया, डुमरी गांव एवं इतमादी का पचबीघी, गांधी नगर एवं बारूण गांव के लोग घर की दहलीज तक पहुंचने को आतुर कोसी की तेज धारा देख बाढ़ के संकट से जुझने की तैयारी में जुट गये हैं. निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने से खरीफ फसलें नष्ट होने लगी है.
इधर, कोसी के जलस्तर में वृद्धि से ग्रामीण भयभीत हो कर रतजगा करने पर विवश हैं. प्रभावित पचाठ गांव में बीते एक पखवारे पूर्व से उफान भरती कोसी करीब 50 मीटर में मिट्टी क्षरण कर उपजाऊ भूमि को निगलते गांव की ओर पहुंच रही है. किसानों ने बताया कि नवटोलिया, बलैठा में कटाव निरोधी कार्य कर कटाव पर रोक लगा दी गयी है. यदि पचाठ में अविलंब फ्लड फाइटिंग कार्य कर हो रहे मिट्टी क्षरण पर रोक नहीं लगी, तो पचाठ गांव का भूगोल एक बार फिर बदल सकता है.
सुपौल में कोसी का घटा डिस्चार्ज, लोगों को मिली थोड़ी राहत
सुपौल जिले में विगत दो दिनों से बारिश की रफ्तार थमने के कारण कोसी के जलस्तर में काफी कमी आयी है. बुधवार की शाम वीरपुर बराज पर कोसी का डिस्चार्ज 01 लाख 57 हजार 300 क्यूसेक दर्ज किया गया. यह घटने के क्रम में बताया गया है. वहीं, नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में कोसी नदी का जलस्राव 01 लाख 26 हजार 200 क्यूसेक अंकित किया गया. बहरहाल, कोसी के जलस्तर में कमी आने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि, तटबंध के भीतर प्रभावित इलाके में बाढ़ का पानी अभी भी फैला हुआ है.
दर्जनों गांवों के लोगों के घरों में पानी जमा रहने के कारण उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि पानी घटने से तत्काल थोड़ी राहत मिली है. लेकिन, पूरा मानसून काल अभी बाकी है. फिर वर्षा की रफ्तार बढ़ने के बाद नदी का जलस्तर बढ़ेगा. यही वजह है कि जिले में कोसी तटबंध के भीतर करीब 130 गांव में बसे लगभग 03 लाख लोगों को हर वर्ष मानसून के दौरान बाढ़ और विपदा की स्थिति झेलना उनकी नियति बन चुकी है.
कटिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही महानंदा
कटिहार जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव रहा है. बुधवार को एक तरफ जहां महानंदा नदी के जलस्तर में अधिकांश स्थानों पर कमी दर्ज की गयी है. वहीं, गंगा, कोसी, बरंडी और कारी कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ, आजमनगर, बहरखाल, कुरसेल और धबौल में घट रहा है. जबकि, यह नदी दुर्गापुर में स्थिर है तथा गोविंदपुर में बढ़ रही है. महानंदा नदी के जलस्तर में उफान से आधा दर्जन प्रखंड के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है. खेतों में लगी धान की फसलें डूब चुकी हैं. महानंदा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से करीब आधा दर्जन से अधिक पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
जिला प्रशासन की ओर से अब तक राहत और बचाव कार्य शुरू किये जाने को लेकर किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली है. बाढ़ का पानी आ जाने से खासकर कदवा, आजमनगर, बारसोई, बलरामपुर, प्राणपुर, डंडखोरा आदि प्रखंडों के लोगों को आवागमन की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. कई गांवों एवं पंचायतों के लोगों को आने जाने के लिए सड़क संपर्क भंग हो चुका है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में बुधवार की सुबह में जलस्तर 32.24 मीटर था, जो दोपहर 12 बजे जलस्तर घट कर 32.14 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 31.84 मीटर था, जो छह घंटे बाद यहां का जलस्तर भी 31.78 मीटर पर हो गया.
कुर्सेल में बुधवार की सुबह जलस्तर 32.15 मीटर था. दोपहर में यहां का जलस्तर 32.08 मीटर हो गया. दुर्गापुर में इस नदी का जलस्तर सुबह में 29.30 मीटर दर्ज किया गया है. दोपहर में यहां का जलस्तर 29.30 ही रहा है. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर 27.24 मीटर था, जो बुधवार की दोपहर में बढ़ कर 27.26 मीटर हो गया. इस नदी का जलस्तर आजमनगर में 30.85 मीटर था, जो दोपहर में 30.77 मीटर हो गया. धबोल में इस नदी का जल स्तर बुधवार की सवेरे 30.27 मीटर था. छह घंटे बाद यानी दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 30.25 मीटर हो गया.
गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी में वृद्धि
गंगा, बरंडी, कोसी और कारी कोसी नदी के जलस्तर में बुधवार को भी वृद्धि जारी रहा है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी के रामायणपुर में बुधवार की सवेरे 26.28 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जल स्तर बढ़कर 26.30 मीटर हो गया. जबकि, काढ़ागोला घाट पर जलस्तर बढ़ रहा है. यहां का जलस्तर 29.29 मीटर दर्ज किया गया था. छह घंटे बाद बुधवार के दोपहर में जलस्तर बढ़ कर 29.32 मीटर हो गया है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर में 30.27 मीटर दर्ज किया गया. जबकि, बुधवार की दोपहर में जलस्तर बढ़ कर 30.29 मीटर हो गया. कारी कोसी नदी का जलस्तर चेन संख्या 389 पर 27.05 मीटर दर्ज किया गया था. दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 27.14 मीटर हो गया है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर बुधवार की सवेरे 29.45 मीटर दर्ज की गयी. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 29.50 मीटर हो गया है.
Posted By : Kaushal Kishor