भागलपुर में धूमधाम से मनाई गई महर्षि मेंहीं की 140वीं जयंती; प्रभातफेरी, पुष्पांजलि, सत्संग और प्रवचन का हुआ आयोजन
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की 140वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। जयंती का मुख्य कार्यक्रम भागलपुर के कुप्पाघाट महर्षि आश्रम में हुआ. आश्रम परिसर में पूरे दिन श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा
भागलपुर जिले में बुधवार को वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज की 140वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. जगह-जगह पर प्रभातफेरी, पुष्पांजलि, सत्संग व प्रवचन का आयोजन हुआ. जयंती समारोह का मुख्य आयोजन भागलपुर स्थित कुप्पघाट महर्षि मेंहीं आश्रम में हुआ. समारोह में कोसी-सीमांचल, पूर्व बिहार व झारखंड समेत सबे के विभिन्न हिस्सों के हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. आश्रम परिसर में एक दिन पहले से ही विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला दिनभर चलता रहा.
आचार्यश्री हरिनंदन बाबा व गुरुसेवी भगीरथ दास ने किया माल्यार्पण
सबसे पहले संतमत के वर्तमान आचार्य श्री महर्षि हरिनंदन परमहंस महाराज व गुरुसेवी भगीरथ दास महाराज ने महर्षि मेंहीं की तस्वीर पर माल्यार्पण किया. फिर महर्षि संतसेवी परमहंस पर माल्यार्पण किया. इसके बाद फिर महासभा के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, महामंत्री दिव्य प्रकाश, मंत्री मनु भास्कर समेत अन्य पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. श्रद्धालुओं के बीच आम और बुंदिया प्रसाद वितरण किया गया.
अस्वस्थ होने के कारण वर्तमान आचार्यश्री ने प्रवचन नहीं किया, लेकिन उन्होंने सद्गुरु की जयंती पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. गुरुसेवी भगीरथ दास महाराज प्रवचन सत्र के दौरान गुरु महिमा व महर्षि मेंहीं के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि संत का अवतरण जगत के उद्धार के लिए होता है. तीन तापों दैहिक, दैविक व भौतिक से मुक्त करने वाले संत ही हो सकते हैं. ऐसे ही संत हमारे गुरु महाराज महर्षि मेंहीं परमहंस थे. ऐसे संतों का आदेश और उपदेश पर संसार के लोग चले तो पूरे संसार में शांति का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा.
महर्षि मेंहीं ने ठुकराया था महेश योगी के हवाई जहाज का ऑफर : दिव्य प्रकाश
स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश ने कहा कि महर्षि महेश योगी का हवाई जहाज लेने से यह कहते हुए महर्षि मेंहीं ने मना कर दिया था कि पहले भारत के आमजनों में आध्यात्म की ज्योति न जला दूं, तबतक विदेश जाने की आवश्यकता नहीं समझता. महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज के जयंती समारोह के मुख्य आयोजन के अंतर्गत विभिन्न संतों ने गुरु महिमा एवं महर्षि मेंहीं महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला.
इससे पहले प्रवचन सत्र का प्रारंभ प्रमोद बाबा ने स्तुति पाठ एवं ग्रंथ पाठ से किया. स्वामी नरेशानंद जी महाराज ने कहा कि माता पिता की सेवा ईश्वर की सेवा है. अगर सारे तीर्थ कर लिए और मां पिता की सेवा नहीं की तो वह तीर्थ का कोई फल नहीं मिलने वाला है. स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि जब तक यह धरती रहेगी, तबतक महर्षि मेंहीं के बताये संदेश अमर रहेंगे और उसपर भक्त चलते रहेंगे. अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
प्रभातफेरी सह शोभायात्रा में दिखी सत्संगियों की श्रद्धा
कुप्पाघाट आश्रम से अहले सुबह गाजे बाजे के साथ प्रभातफेरी सह महर्षि मेंहीं शोभायात्रा निकाली गयी. यह आश्रम से निकलकर तिलकामांझी, कचहरी चौक, घंटाघर, खलीफाबाग , वेरायटी चौक, स्टेशन चौक, दवा पट्टी, कोतवाली चौक आदमपुर होते हुए पुनः आश्रम पहुंच पूरी हुई. प्रभात फेरी शोभायात्रा का संचालन पंकज बाबा ने किया. श्रद्धालु ध्वज और शांति का संदेश लिखे तख्ती लेकर साथ चल रहे थे. सुबह 11 बजे भंडारा का आयोजन हुआ.
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