दूसरे को जीवन देने के लिए अपना अंग दान करने वाले कम ही लोग मिलते हैं. ऐसे पुण्य व नेकी का कार्य करने वाले देश ही नहीं दुनिया में बहुत कम ही लोग होंगे. मगर, प्रभात खबर पढ़ कर सन्हौला के मो सलीम नवगछिया के तेतरी के रहने वाले जितेंद्र कुमार चौरसिया के पुत्र अमर कुमार चौरसिया के लिए किडनी दान करने आगे आये हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को आवेदन दिया है.
दरअसल, जितेंद्र कुमार चौरसिया का पुत्र अमर कुमार चौरसिया पिछले आठ सालों से किडनी की बीमारी से ग्रसित है. प्रभात खबर ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, ताकि उनकी मदद के लिए कोई आगे आ सके. खबर पढ़ कर शुक्रवार को सन्हौला के मो सलीम जिलाधिकारी के जनता दरबार में पहुंच गये और आवेदन देकर किडनी दान करने की अनुमति मांगी.
मो सलीम ने साफ तौर पर कहा कि जरूरतमंद की जिंदगी बचायी जा सके. उन्होंने लिखा है कि जितेंद्र कुमार चौरसिया से जान पहचान है. एक हफ्ते पूर्व उनके पुत्र से जुड़ी खबर प्रभात खबर में पढ़ा. उनका दोनों किडनी फेल हो चुका है. किडनी ट्रांसप्लांट होना आवश्यक है. ब्लड ग्रुप नहीं मिलने के कारण घर के सदस्य किडनी दान नहीं कर सकते हैं. इसके चलते हम स्वेच्छा से उन्हें अपना एक किडनी दान करना चाहता हूं और मेरा ब्लड ग्रुप भी मैच करता है. किडनी दान के लिए आपकी और राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है.
जितेंद्र कुमार चौरसिया ने भी जिलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया है और अवगत कराया है कि सन्हौला के मो सलीम स्वेच्छा से अपनी एक किडनी दान करने के लिए तैयार है. लेकिन, राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई भी अस्पताल बाहरी डोनर को स्वीकार नहीं करती है. ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन (टीएचओ) अधिनियम, 1994 के अनुसार ऐसा डोनर जो रक्त संबंधित न हो और स्वेच्छा से बिना किसी लोभ के अपना अंग दान करना चाहता है, तो वह कर सकता है. उन्होंने आग्रह किया है कि उक्त प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अनुमति प्रदान की जाये और इस संबंध में मार्गदर्शन भी किया जाये, जिससे कि पुत्र को नयी जिंदगी मिल सके.
Posted By: Thakur Shaktilochan