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स्पोर्ट्स कमेटी की बैठक में उन खेल को हटाने पर सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय
टीएमबीयू में सत्र 2024-25 के तहत कई खेल कैलेंडर से हट सकते है. दरअसल, उन खेलों में खिलाड़ियों की कमी व संसाधन का अभाव है. कुछ सालों से विवि से जारी खेल कैलेंडर में खिलाड़ी ही नहीं मिल रहे थे. कॉलेजों में भी उन खेलों का आयोजन नहीं होता है. ऐसे तमाम बिंदुओं को लेकर शुक्रवार को कुलपति की अध्यक्षता में स्पोर्ट्स कमेटी की बैठक हुई. सर्वसम्मति से उन खेलों को कैलेंडर से हटाने का निर्णय लिया गया है.सात खेलों में नहीं मिले खिलाड़ी
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार विवि के खेल कैलेंडर में कुल 14 खेल हैं. इसमें सात खेल को हटाने का निर्णय लिया गया है. बताया जा रहा है कि महिला क्रिकेट, महिला फुटबॉल, टेबुल टेनिस, बॉक्सिंग, योग, बॉल बैडमिंटन व तलबाजी-वुशू खेल को इस बार विवि के खेल कैलेंडर में शामिल नहीं किया जा सकता है. जबकि पुरुष क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, शतरंज, हैंडबॉल, एथलेटिक्स, क्रास कंट्री रेस को शामिल किया जायेगा.
एक दशक से विश्वविद्यालय की महिला क्रिकेट व फुटबॉल टीम बाहर नहीं भेजी गयी
सूत्रों के अनुसार पूर्व में एक दशक से विवि की महिला क्रिकेट व फुटबॉल टीम दूसरे राज्यों में भाग लेने के लिए नहीं गयी है. इसका कारण बताया जा रहा है कि विवि के किसी कॉलेज में महिला की टीम ही नहीं है. खेल कैलेंडर में उक्त खेलों को शामिल कर केवल खानापूर्ति का काम किया जाता रहा है.
खेल मद की शेष राशि नहींं भेजने पर चार कॉलेज के प्राचार्य का रुकेगा वेतन
स्पोर्ट्स कमेटी की हुई बैठक में कॉलेजों द्वारा खेल मद में शेष राशि नहीं भेजने पर विवि प्रशासन ने नाराजगी जाहिर की थी. कुलपति प्रो जवाहर लाल ने विवि के खेल सचिव को चार कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य का फरवरी से अगले आदेश तक के लिए वेतन बंद करने का निर्देश दिया है. इसमें जेपी कॉलेज नारायणपुर, एमएएम कॉलेज, सबौर कॉलेज व एसएसवी कॉलेज कहलगांव है. विवि के खेल सचिव डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि उन कॉलेजों द्वारा सत्र 2023-24 तक का खेल मद में छात्रों से ली गयी राशि विवि में जमा नहीं कराया है.विवि टीम बनाने के लिए खिलाड़ी नहीं मिल रहे : खेल सचिव
विवि के खेल सचिव डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कुछ खेल में कॉलेज स्तर से टीम नहीं आने पर विश्वविद्यालय की टीम नहीं बन पाती है. ऐसे में टीम बनाने में परेशानी होती है. उक्त खेल को लेकर खिलाड़ियों की दिलचस्पी भी घटी है. ऐसे में जो खेल हो रहे हैं, पूरी तरह से फोकस नहीं हो पाता है. स्पोर्ट्स कमेटी ने सर्वसम्मति से ऐसे खेलों को कैलेंडर से हटाने का निर्णय लिया है.
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